कोच्चि। इसरो के मिशन गगनयान की तैयारियां जोरों पर है। मिशन गगनयान की क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच ने कोच्चि में भारतीय नौसेना की जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा (WSTF) में प्रशिक्षण का पहला चरण पूरा कर लिया। भारतीय नौसेना के गोताखोरों और समुद्री कमांडो की एक टीम ने विभिन्न समुद्री परिस्थितियों में क्रू मॉड्यूल का रिकवरी प्रशिक्षण लिया। डब्लूएसटीएफ में प्रशिक्षित टीम अब आने वाले महीनों में इसरो द्वारा योजनाबद्ध परीक्षण लॉन्च की रिकवरी में शामिल होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पिछले महीने कहा था कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ अगस्त के अंत में लॉन्च किया जाएगा, जबकि मानव रहित मिशन अगले साल लॉन्च होगा।
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) में एक कार्यक्रम के मौके पर सोमनाथ ने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए हमने एक नया रॉकेट बनाया है जो श्रीहरिकोटा में तैयार है। क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को जोड़ने का काम शुरू हो गया है। मुझे बताया गया है कि इस महीने के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा और सभी परीक्षण कर लिए जाएंगे।
परियोजना के हिस्से के रूप में ‘कक्षा में मानव रहित मिशन’ अगले साल की शुरुआत में होगा। 2024 की शुरुआत में, हमारे पास कक्षा में मानवरहित मिशन होगा और वहां से इसे सुरक्षित वापस लाना है, जो तीसरा मिशन होगा। वर्तमान में हमने इन तीन मिशनों को निर्धारित किया है।
गगनयान के क्रू सदस्यों की सुरक्षा सबसे अहम चुनौती
सोमनाथ ने कहा, गगनयान के क्रू सदस्यों की सुरक्षा सबसे अहम है। इसके लिए हम दो अतिरिक्त चीजें कर रहे हैं। पहला, क्रू एस्केप सिस्टम और दूसरा, एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली। क्रू एस्केप एक पारंपरिक इंजीनियरिंग समाधान है, जिसमें कंप्यूटर पता लगाता है। वहीं, दूसरी प्रणाली अधिक बुद्धिमान है जो बिना मानवीय हस्तक्षेप के बोर्ड पर निर्णय लेती है।
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