नई दिल्ली: फ्रांस (France) पिछले तीन दिनों से दंगे की आग में झुलस रहा है. कई शहर धू-धू कर जल रहे हैं. सरकार ने स्थिति संभालने के लिए 50 हजार से अधिक पुलिस (more than 50 thousand police) के जवानों को तैनात किया है. उसके बाद भी स्थिति काबू में नहीं है. स्थिति ऐसी है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (President Emmanuel Macron) दो बार आपातकालीन बैठक कर चुके हैं, वहीं गृह मंत्री भी आपातकाल की आशंका से इंकार नहीं कर पा रहीं. क्या कारण है कि फ़्रांस में इतने बड़े स्तर पर दंगे हो रहें हैं. चारों तरफ सिर्फ आग की लपटें और पुलिसकर्मी दिख रहें हैं.
मंगलवार को देश की राजधानी पेरिस में एक 17 वर्षीय नाबालिग बच्चे को ट्रैफिक नियम के उल्लंघन के आरोप में गोली मार कर हत्या कर दी गई. जिसके बाद से पूरे देश में हिंसा की आग भड़क उठी है. गृहमंत्री जेराल्ड दारमेनिन ने कहा कि लगातार चौथी रात हिंसा को देखते हुए देश में आपातकाल से इंकार नहीं किया जा सकता है.
एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पिली मर्सिडीज में बैठे नाइल को चेक पॉइंट पर दो पुलिस कर्मी उसको रोकते हैं. लेकिन जब वह अपनी कार आगे बढ़ाने की कोशिश करता है तो एक पुलिसकर्मी कहता है कि मैं तुम्हारे गर्दन में गोली मार दूंगा.इसी बीच दूसरा पुलिस वाला कहता है कि इसे गोली मार दो. इसके बाद नाइल को गोली मार देते हैं. जिसकी हॉस्पिटल ले जाते समय मौत हो गई.
मिली खबर के अनुसार नाइल को पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई थी. हालांकि, आरोपी पुलिस कर्मी को गिरफ्तार कर लाया गया है, और वह हत्या के जांच का सामना कर रहा है. इसी बीच हत्या की खबर फैलने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया. और देखते ही देखते पूरे देश में हिंसा की आग भड़क गई.
17 साल का नाइल अल्जीरियाई और मोरक्कन मूल के फ्रांसीसी नागरिक था. नाइल सेंट्रल पेरिस से कुछ दूरी पर नानतेरे में अपने परिवार के साथ रहता था. उसका कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था. वह स्थानीय रग्बी टीम के लिए खेला करता था. लेकिन नानतेरे के शीर्ष अभियोजक पास्कल प्राचे ने कहा कि किशोर पहले भी यातायात के नियम का पालन न करने के आरोप में कोर्ट द्वारा समन किया जा चुका है.
घटना के बाद कई शहरों में पथराव और आगजनी शुरू की गई. सड़कों पर प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां पुलिस का विरोध किया. तख्तियों पर ‘जस्टिस फॉर नाइल’ और ‘पुलिस की हत्या’ लिखी हुई थी. नाइल की मां मौनिया ने मीडिया से से बात करते हुए कहा कि वह बेटे की हत्या के लिए पुलिस को दोषी नहीं मानती है. बल्कि उस शख्स को हत्या का ररोपि मानती है जिसने उसके बेटे को गोली मारी थी. मौनिया ने बताया, ‘मेरे कई दोस्त पुलिस ऑफिसर्स हैं, वे पूरे दिल से मेरे साथ हैं.
हिंसा के बाद से पेरिस का बस ट्रांसपोर्ट तबाह हो गया. प्रदर्शनकारियों के निशाने पर दुकान, दफ्तर, बैंक, शॉपिंग मॉल, लाइब्रेरी और स्कूल हैं. वहीं दंगे में अब तक 249 पुलिस कर्मी जख्मी हो चुके हैं. वहीं, पुलिस ने अब तक 1300 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है. वहीं, राष्ट्रपति मैक्रोन ने देश में हिंसा फैलने के लिए सोशल मीडिया को दोषी ठहराया है.
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