नई दिल्ली। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot-led Congress government) ने सोशल मीडिया पर रील्स बनाने वालों को गुड न्यूज़ दी है। राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि वह अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स का सहारा लेगी। इसके लिए वह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर सक्रिय सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स को विज्ञापन देगी।
सूचना और जनसंपर्क विभाग (DIPR) द्वारा 26 जून को जारी एक अधिसूचना में राजस्थान सरकार ने कहा है कि जहां DIPR नियमित रूप से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को विज्ञापन जारी करता है, वहीं भविष्य में ऐसे विज्ञापन सोशल मीडिया हैंडल पर भी जारी किए जा सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने भी चार श्रेणियां बनाई हैं जिसमे 1) न्यूनतम 10 लाख सब्सक्राइबर्स; 2) न्यूनतम 5 लाख सब्सक्राइबर्स; 3) न्यूनतम 1 लाख सब्सक्राइबर्स; 4) न्यूनतम 10,000 सब्सक्राइबर्स – जिसके आधार पर विज्ञापन जारी करने की अलग-अलग दरें तय की जाएंगी।
राजस्थान सरकार की अधिसूचना में कहा गया कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक तेज गति से पहुंचाने के लिए राज्य में सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहारा लिया जायेगा। इसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा विज्ञापन स्वीकृत किये जायेंगे। जो भी फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब चलाते हैं, उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि A श्रेणी के सोशल मीडिया हैंडल/पेज/चैनल को 5 लाख रुपये तक मासिक विज्ञापन जारी किया जा सकता है जबकि B श्रेणी, C और D के लिए यह राशि क्रमशः 2 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 10,000 रुपये है। हर एक श्रेणी के तहत विज्ञापन रेट विस्तार से तय की गई हैं। उदाहरण के लिए जहां A-श्रेणी का प्रभावशाली व्यक्ति किसी वीडियो में थंबनेल बनाने के लिए 10,000 रुपये कमा सकता है, वहीं डी-श्रेणी का प्रभावशाली व्यक्ति एक ट्वीट के लिए 1,000 रुपये कमा सकता है। अधिसूचना के अनुसार मंडल स्तर पर आयुक्त/निदेशक द्वारा एक समिति गठित की जायेगी और इस समिति की अनुशंसा के आधार पर शासन से आवश्यक अनुमति लेकर विज्ञापन जारी किये जायेंगे।
करनी होगी ये शर्त पूरी
भुगतान जारी होने से पहले सरकार द्वारा यह सत्यापित किया जाएगा कि विज्ञापन को कुल सब्सक्राइबर्स में से 5 प्रतिशत तक पहुंच मिली है या नहीं। योजना का लाभ उठाने वालों को हलफनामा भी पेश करना होगा और सोशल मीडिया एनालिटिक्स की रिपोर्ट भी लगानी होगी। एक शर्त में कहा गया है कि जिन लोगों को विज्ञापन जारी किए जाएंगे उनके कंटेंट में अशोभनीय, अश्लील और राष्ट्र-विरोधी बातें नहीं हो सकती।
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