साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर भी पटरियों का काम अंतिम चरण में, स्टेशनों के टीयर का काम भी लगभग हो गया है पूरा
इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) के काम में अभी बारिश के कारण हालांकि दिक्कतें आएगी। मगर साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर को ट्रायल रन के लिए तैयार किया जा रहा है। सुपर कॉरिडोर पर 75 एकड़ में बन रहे विशाल डिपो में भी प्रशासनिक भवन का काम 65 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। वहीं टेस्टिंग ट्रैक भी तैयार हो गया। वहीं कॉरिडोर (Corridore) में भी पटरियों को बिछाने का काम अंतिम चरण में है जिस पर ट्रायल रन होना है। इस कॉरिडोर में आने वाले 16 मेट्रो स्टेशनों में टीयर का काम भी 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। फिलहाल गांधी नगर से रोबोट चौराहा तक के 17 किलोमीटर के हिस्से में तेजी से काम चल रहा है। उसके आगे का कॉरिडोर एलिवेटेड के साथ अंडरग्राउंड भी रहेगा। उसकी भी टेंडरिंग सहित अन्य प्रक्रिया मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने शुरू करवा दी है।
अभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष भी मेट्रो ट्रेन के अंडरग्राउंड वाले हिस्से का प्रजेंटेशन होना है। दरअसल हाईकोर्ट परिसर के भीतर से ही अंडरग्राउंड कॉरिडोर का काम शुरू होना है, जिसके लिए अस्थायी रूप से काम पूरा होने तक जमीन की आवश्यकता मेट्रो कार्पोरेशन को पड़ेगी। दरअसल सितम्बर माह में साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन करना सुनिश्चित किया गया है, ताकि विधानसभा चुनाव में इसका लाभ लिया जा सके। फिलहाल इसके लिए कॉरिडोर में पटरियों को बिछाने का काम चल रहा है। ट्रायल रन के लिए डिपो में पटरियां बिछ चुकी है और टेस्टिंग ट्रैक लगभग तैयार है। जो 16 स्टेशन इसमें आ रहे हैं उनमें पीयर का काम भी अंतिम चरण में है, तो प्रशासनिक भवन का सिविल वर्क भी लगभग 65 प्रतिशत पूरा हो गया है। मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह लगातार प्रायोरिटी कॉरिडोर पर चल रहे काम की ऑनलाइन समीक्षा भी कर रहे हैं। वाय डक्ट के ओपन फाउंडेशन का काम भी 60 फीसदी, वहीं डिपो में फिलिंग का काम 95 फीसदी पूरा हो गया है। ट्रायल रन के लिए बड़ौदा से इसी माह तीन कोच वाली एक ट्रेन भी इंदौर पहुंच जाएगी।
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