जबलपुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात शिशु को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा देने की गंभीर लापरवाही सामने आई है। लेकिन, मेडिकल के डॉक्टर अभी भी इसे अपनी जिम्मेदारी नहीं मान रहे हैं। बेहद शर्मनाक तरीके से नवजात की जान बचाने के बजाये डॉक्टर अपनी गलती को छिपाने में लगे रहे। उसके पिता ने डॉक्टरों के खूब हाथ-पैर जोड़े और गिड़गिड़ाया, लेकिन चिकित्सक नहीं पसीजे, बाद में जब राजनीतिक दबाव पड़ा तब डॉक्टर सक्रिय हुये। फिलहाल, नवजात का इलाज जारी है,लेकिन उसकी हालत गंभीर है।
कैसे हुई ये लापरवाही
बरगी बांध के निकट बंदरकोला गांव के निवासी श्रीकांत लोधी की पत्नि ने 31 मई को बालक को जन्म दिया। नवजात कमजोर था इसलिये उसे नर्सरी में रखा गया। 7 जून को नवजात शिशु को रक्त चढ़ाया गया, जिसके बाद उसकी हालत सुधरने के बजाये बिगडऩे लगी। डॉक्टरों ने उसे 16 जून को सुपर स्पेशिलिटी रेफर कर दिया। वहां जब दोबारा ब्लड ग्रुप जांचा गया तो पता चला कि उसका ब्लड ग्रुप एबी पॉजीटिव है। ये देखकर बालक का पिता चौंक गया कि मेडिकल अस्पताल में उसे चढ़ाए गये ब्लड का ग्रुप ए पॉजीटिव था। तब से अब तक पिता सहित पूरा परिवार हैरान है।
अफसरों का रवैया निराशाजनक
गलती होना बड़ी बात नहीं है,लेकिन गलती को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उदासीन रवैया जरूर निराशाजनक है। आशंका है कि इस श्रेणी की लापरवाही होती होंगी,लेकिन उनका खुलासा नहीं हो पाता।
कार्रवाई की जाएगी
आपके द्वारा ही ये जानकारी मेरे संज्ञान में आई है। मामला गम्भीर है। मेडिकल प्रबंधन से इस बारे में बात की जाएगी। मामले की जांच के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।
डॉ.संजय मिश्रा, ज्वाइंट डायरेक्टर,हेल्थ
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