जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्य धारा में लाने की कवायद तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) की तरह पायलट को भी कांग्रेस (Congress) आलाकमान ने बड़ा पद देने की तैयारी कर ली है। सीएम गहलोत (CM Gehlot) और पायलट के बीच चुनावों से पहले खींचतान मिटाने के फॉर्मूला पर काम तकरीबन पूरा हो चुका है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने यह मान लिया है कि पायलट के बिना विधानसभा चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में पायलट की नाराजगी दूर करना ही बेहतर होगा। हालांकि, पायलट समर्धक मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन सीएम गहलोत मुख्यमंत्री छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट के सियासी पुनर्वास के लिए तीन विकल्पों पर काम कर रहा है।
चुनाव से पहले पायलट को साधने की कवायद
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर हुई बैठक में सुलह का फार्मूला तैयार किया गया था। बता दें कि बैठक के बाद से ही सचिन पावलट ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि, राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर जरूर पायलट ने इशारों में सीएम गहलोत को निशाने पर लिया था। सियासी जानकार सचिन पायलट की चुप्पी को अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उन्हें सीडब्ल्यूसी मेंबर और चुनाव कैंपेन कमेटी का प्रमुख बनाया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि चुनाव से ठीक पहले पायलट समर्थक को बड़ा पद दिया जा सकता है, ताकि पायलट खेमे को खुश किया जा सके। हालांकि, सीडब्ल्यूसी मेंबर के लिए पायलट पहले भी इनकार कर चुके हैं। सचिन पायलट राजस्थान से बाहर नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में संभावना यह है कि सचिन पायलट को चुनाव कैंपेन कमेटी का प्रमुख बनाया जा सकता है।
पायलट के पास नहीं है कोई पद
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट को 2020 में पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम पदों से बर्खास्त किया गया था, तब से ही पायलट किसी भी पद पर नहीं है। हालांकि, पायलट समर्थक विधायकों को सीएम गहलोत ने मंत्री बनाकर एडजस्ट कर दिया, लेकिन पायलट के पास कोई पद नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को बड़ा पद दे सकता है। सियासी जानकारों का कहना है कि पायलट को पीसीसी चीफ भी बनाया जा सकता है, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा को हटाने से जाट समुदाय नाराज हो सकता है। जो कि कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता रहा है। चर्चा है कि राहुल गांधी के मणिपुर दौरे से लौटने के बाद इसे फाइनल किया जाएगा। संभवत: सीएम गहलोत और पायलट को आमने-सामने बैठाकर इस पर चर्चा की जाएगी।
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