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    बिष्णुपुर में पुलिस ने रोका कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफिले को

  • June 29, 2023


    नई दिल्ली । कांग्रेस नेता (Congress Leader) राहुल गांधी के काफिले (Rahul Gandhi’s Convoy) को बिष्णुपुर में (In Bishnupur) पुलिस ने रोका (Police Stopped) । वह इंफाल वापस लौटे (They Returned to Imphal) और बाद में हेलिकॉप्टर से (Later by Helicopter) चुराचांदपुर के लिए रवाना हुए (Left for Churachandpur) । वहां से वह राहत शिविरों में प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए बिष्णुपुर जाएंगे।


    पहली बार हिंसा भड़कने के बाद से 50,000 से अधिक पुरुष, महिलाएं और बच्चे अब राज्य भर में 350 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दोनों जिलों में नागरिक समाज संगठनों, आदिवासी और गैर-आदिवासी नेताओं के साथ-साथ प्रमुख नागरिकों से भी बातचीत करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को इंफाल पहुंचे थे।

    बिष्णुपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफिले को पुलिस ने रोका । कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर के इंफाल वापस लौटे । राहुल गांधी के काफिले के रोके जाने के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। राहुल गांधी बिष्णुपुर से वापस इम्फाल एयरपोर्ट जा रहे हैं, वहां से हेलिकॉप्टर से चुराचांदपुर रवाना हुए। विष्णुपुर एसपी ने जानकारी देते हुए बताया की आगे रास्ते में हिंसा होने की संभावना है और राहुल गाँधी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है। जहां 3 मई से जारी जातीय हिंसा में अब तक 120 लोगों की जान जा चुकी है।

    मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र सिंह ने कहा लोग राहुल गांधी के स्वागत के लिए सड़कों पर खड़े हैं, लेकिन बिष्णुपुर एसपी, एएसपी, एडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी सड़कों पर उन्हें रोक रहे थे । मैंने सुना है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने सड़कें बंद करने के निर्देश भी दिए हैं। वे इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। वे केवल यह कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहे।

    कांग्रेस मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है, क्योंकि पार्टी का दावा है कि राज्य की भाजपा सरकार हिंसा से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है। इससे पहले, कुछ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडलों ने राज्य का दौरा किया और बाद में अपनी मांगों के लिए समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कांग्रेस नेताओं को मिलने का समय नहीं दिया।

    मणिपुर के तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कांग्रेस विधायक दल के नेता, ओकराम इबोबी सिंह ने अगस्त 2008 में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा हस्ताक्षरित कुकी उग्रवादियों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते को वापस लेने से इनकार करने के लिए राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो एक शांति पहल के रूप में काम कर रहा है और कांग्रेस दृढ़ता से हिंसा का सहारा लेने के बजाय समाधान खोजने के साधन के रूप में शांति को आगे बढ़ाने में विश्वास करती है।

    दिग्गज कांग्रेस नेता ने मीडिया को बताया, “एसओओ समझौते के तहत कुकी उग्रवादियों ने जमीनी नियमों का सख्ती से पालन किया, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस शासन के दौरान (2017 तक) हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं आई। हालांकि, उग्रवादियों ने मणिपुर में भाजपा शासन के तहत जमीनी नियमों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया, और उन्हें चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल किया।”

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