भोपाल। ईडी कोर्ट (ED Court) ने बुधवार को पांच साल पहले पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन इंजीनियर जितेंद्र भासने (Jitendra Bhasne, the then engineer of PWD) और उनकी पत्नी भारती भासने पर पेश हुए मनी लाण्ड्रिंग केस में सजा सुना दी। केस के दौरान जितेंद्र की मौत होने के कारण उनका नाम केस से हट गया था, लेकिन पत्नी पर केस चलता रहा। इसमें विशेष न्यायाधीश डॉ. धर्मेंद्र टाटा ने उन्हें मनी लाण्ड्रिंग के पीएमएलए एक्ट धारा 4 के तहत तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का अर्थदंड लगाया है जो नहीं देने पर छह माह और बढ़ेगी। यह केस 3.95 करोड़ की ब्लैक मनी को मनी लाण्ड्रिंग (money laundering) करने का था, जो साल जनवरी 2012 में ईडी इंदौर द्वारा दर्ज किया गया था। इस केस के जांच अधिकारी भी इंदौर के तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर एके श्रीवास्तव ही थे।
यह है मामला
जितेंद्र भासने भोपाल सर्कल टू में पीडब्ल्यूडी इंजीनयर थे, फरवरी 2009 में आयकर विभाग ने उनके यहां छापा मार कर अघोषित आय पकड़ी थी। बाद में लोकायुक्त ने भी मई 2010 में उनके यहां छापा मारा और जांच की। जिसमें जितेंद्र और उनकी पत्नी दोनों पर केस हुआ था। ईडी इंदौर ने इसे टेकअप करते हुए ईसीआईआर जनवरी 2012 में दर्ज किया और फिर 2018 में ईडी कोर्ट में केस लगा। इसके बाद इसमें अब सजा हुई है। भासने 1992 में पीडब्ल्यूडी में नौकरी में आए थे और भारती से उनकी शादी साल 1995 में हुई थी, वह जबलपुर निवासी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved