इंदौर (Indore)। भाजपा पार्षद के बेटे के खिलाफ एमजी रोड थाने में जालसाजी का केस दर्ज हुआ है। दो लोगों ने पुलिस को शिकायत की थी कि पार्षद के बेटे ने खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताते हुए उनसे दुकानें आवंटित कराने के नाम पर रुपए लिए हैं। एमजी रोड थाने के थानेदार सुरेंद्र दान ने बताया कि अरविंद चावला और सचिन यादव नामक दो लोगों की शिकायत पर भरत पांडे निवासी सुभाष नगर हाल मुकाम बरसाना बिल्डिंग फूटी कोठी चौराहे के पास के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया है। पुलिस कहना है कि आरोपी भरत नगर निगम का निलंबित कर्मचारी है।
उसने मराठी स्कूल परिसर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बनने वाले कॉम्प्लेक्स की दुकानों के आवंटन को लेकर अरविंद से करीब 76 लाख रुपए लिए। उसने अरविंद को बताया कि नगर निगम मार्केटिंग विभाग ने उसे दुकानें आवंटित करने का प्रभारी बनाया है। अरविंद से रुपए लेने के दौरान दुकान नंबर 1 और 2 आवंटित कराने की बात कही थी। वहीं सचिन को भी दुकान नंबर 12 आवंटित कराने का कहकर उससे भी 18 लाख रुपए ले लिए। यही नहीं, दोनों शिकायतकर्ताओं के साथ उसने विक्रय अनुबंध बनाकर अस्थायी कब्जा और टोकन दे दिया। नगर निगम के नाम से एक फर्जी लेटर बनाकर भी दोनों को दिया। बाद में अरविंद और सचिन को हकीकत पता चली तो उन्होंने पुलिस को शिकायत की। पुलिस का कहना है कि भरत नगर निगम से सस्पेंड कर्मचारी है। साथ ही भाजपा पार्षद का बेटा है।
नगर निगम को नहीं है दुकानें बेचने का अधिकार…
पैसे लेते समय भरत ने खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताया, उसकी यह भी बात गलत है, क्योंकि उसे किसी मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। अगर वह नगर निगम का कर्मचारी होता, तब भी उसे दुकानें बेचने का अधिकार नहीं था, क्योंकि यह दुकानें स्मार्ट सिटी के तहत बनाई गई हैं और इन्हें नगर निगम से बेचा ही नहीं जा सकता।
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