इन्दौर। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के बाद स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के नर्सिंग अधिकारी भी सरकार की नीतियों के खिलाफ उतर आए हैं। आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जहां तीन जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन आयोजित किया जा रहा है, वहीं सात दिन के अंदर मांगें पूरी नहीं होने पर नर्सिंग अधिकारी दस जुलाई से हड़ताल पर जाएंगे।
नर्सिंग आफिसर, मेट्रन, सीनियर नर्सिंग आफिसर के ग्रेड पे बढ़ाए जाने, रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता में बढ़ोतरी करने, स्वशासी कर्मचारियों के भर्ती नियमों में संशोधन करने, नर्सिंग स्टूडेन्ट का स्टायपेंड बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के नर्सिंग अधिकारी अब सरकार के विरोध में उतर आए हैं। लम्बे समय से मांगों के पूरा नहीं होने के कारण नर्सिंग आफिसर एसोसिएशन ने तीन जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा कर दी है। ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कालेज में जीएनएम नर्सिंग को तीन व बीएससी नर्सिंग को चार वेतनमान वृद्धि दी गई है, जबकि इंदौर सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
आफिसर्स ने ग्वालियर व रीवा कॉलेज की तर्ज पर ही वेतनवृद्धि दिये जाने की मांग की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि कई बार आवेदन देने के बावजूद भी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पिछली तीन जुलाई को कलेक्टर आफिस में ज्ञापन दिया जाएगा, वहीं पांच और छह जुलाई को एक घंटे ज्यादा काम कर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई है। इसके बावजूद भी यदि सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं आता है तो बैठक के बाद आठ जुलाई को जिलास्तर पर एक घंटे का प्रदर्शन कर चेतावनी दी जाएगी। उसके बाद 10 जुलाई से अधिकारी कामबंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे।
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