बेंगलुरु (Bangalore)। कर्नाटक विधान सौध (Assembly) में मुख्यमंत्री कार्यालय का दक्षिण दरवाजा (south door) ‘अशुभ’ होने के कारण वर्षों तक बंद रहा, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने शनिवार को इस दरवाजे को खुलवा दिया। उन्होंने इसी दरवाजे प्रवेश करने और बाहर निकलने का फैसला किया।
बता दें कि मुख्यमंत्री अन्न भाग्य योजना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के विधानसभा जा रहे थे, तभी उन्होंने दक्षिण दरवाजा बंद देखा। जब उन्होंने अधिकारियों से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह दरवाजा कभी नहीं खुलता है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
एक अधिकारी ने बताया कि अतीत में किसी अन्य मुख्यमंत्री ने कभी दक्षिण दरवाजा खोलने की हिम्मत नहीं की थी। अधिकारी ने कहा, ‘मेरी जानकारी में किसी भी मुख्यमंत्री ने इसे अशुभ मानते हुए कभी इस दरवाजे को नहीं खोला जो उन पर और उनके राजनीतिक करियर पर कयामत ला सकता है।’ उन्होंने कहा कि दक्षिण द्वार का उद्घाटन शनिवार को हुआ, जो शनि से संबंधित दिन है, जिसे जीवन में दुख लाने वाले ग्रह के रूप में माना जाता है।
केंद्र द्वारा कर्नाटक को चावल देने से इनकार करने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि राज्य ने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल की पेशकश करने वाली अन्ना भाग्य योजना के लिए चावल की आपूर्ति के लिए तीन केंद्रीय एजेंसियों से कोटेशन आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि कीमतों के लिए इन एजेंसियों के साथ बातचीत चल रही है।
उन्होंने इस योजना के लिए उनकी सरकार को चावल देने से इनकार करने के लिए भी केंद्र की आलोचना की, जो पांच गारंटी में से एक है, जिसे कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के तुरंत बाद शुरू होना था। उन्होंने कहा, हमने राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ), केंद्रीय भंडार और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नाफेड) से कोटेशन मांगा है। उन्होंने कहा, हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। आज बातचीत होगी। उसके बाद चावल की मात्रा, गुणवत्ता और कीमत तय की जाएगी। खुले बाजार से खरीद के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा कि निविदाएं जारी करनी पड़ती हैं, जिसमें समय लगता है।
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