कोलकाता: लोकसभा चुनाव के पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस और माकपा के नेताओं के साथ ममता बनर्जी के शामिल होने पर बंगाल भाजपा ने तंज कसा है. बंगाल बीजेपी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने तंज कसते हुए कहा है कि बंगाल में कुश्ती चल रही है और पटना में दोस्ती की गई है. उन्होंने कहा कि बंगाल में कार्यकर्ता खून बहा रहे हैं, जबकि पटना में नेता आपस में दोस्ती कर रहे हैं.
पटना में बीजेपी के खिलाफ बन रहे मोर्चा को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस भाजपा के निशाने पर है. खुद बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता बनर्जी पर सवाल उठाया है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में (कांग्रेस + सीपीएम) तृणमूल की बी टीम है. वहीं, दिल्ली में (तृणमूल+सीपीएम) कांग्रेस की बी टीम है. जबकि केरल में कांग्रेस बनाम सीपीएम की लड़ाई है. सचमुच बहुत भ्रमित करने वाला है.
उन्होंने सवाल किया कि तो, क्या ये पार्टियां पश्चिम बंगाल में अपने खिलाफ कोई दोस्ताना मैच खेल रही हैं? बेचारे कांग्रेस और सीपीएम कार्यकर्ता जमीन पर अपना खून-पसीना बहा रहे हैं, जबकि उनके शीर्ष नेता पटना में सेटिंग कर रहे हैं. उन्हें कौन मूर्ख बना रहा है, उनके राज्य के नेता या उनका आलाकमान? उन्होंने कहा कि इससे यह साबित हो गया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो भ्रष्ट तृणमूल से पूरी ताकत से लड़ रही है.
उन्होंने कहा कि बंगाल में कुश्ती और दिल्ली (पटना) में दोस्ती चल रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अपनी विपक्षी स्थिति खोने और भाजपा द्वारा मुख्य विपक्षी दल के रूप में विपक्ष पर कब्जा करने से चिंतित होकर, सीपीएम और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से “तृणमूल-भाजपा सेटअप” की घिनौनी कहानी को बढ़ावा देने की कोशिश की है.
खेला जा रहा है नाटक, आ सामने आई सच्ची तस्वीर
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 2011 से 2021 तक इन दोनों पार्टियों ने दो चरणों में तृणमूल सरकार से लाभ लेकर मेकी विरोध का नाटक खेला है. अब असली तस्वीर सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि पटना में सीपीएम और कांग्रेस; क्षेत्रीय तृणमूल पार्टियों से समझौता कर रहे हैं, इस बीच उनके कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है, उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने की धमकी दी जा रही है, फॉर्म जमा करने के दौरान हमला किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि दरअसल, पश्चिम बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस तृणमूल की बी टीम हैं. इसलिए वे पश्चिम बंगाल के लोगों के बीच स्वीकार्य नहीं हैं. यह मत सोचिए कि बंगाल की बुद्धिमान जनता मूर्ख है, वे सब कुछ देखते हैं, वे सब कुछ समझते हैं. राज्य में विपक्षी खेमा भी सत्तारूढ़ तृणमूल को हराने के लिए एक के खिलाफ एक नीति की बात कर रहा है. दूसरी ओर, अखिल भारतीय स्तर पर मोदी को हराने का तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का फॉर्मूला भी एक के मुकाबले एक है.
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