भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव दिन-ब-दिन करीब आ रहे हैं. ऐसे में अब यहां अब पोस्टर वॉर की शुरुआत हो चुकी है. 23 जून की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करप्शन नाथ लिखे पोस्टर भोपाल के मनीषा मार्केट सहित अन्य इलाकों में लगाए गए थे. इससे राजनीतिक भूचाल आ गया था और इसके बाद पर सियासत शुरू हो गई थी. उसके कुछ ही घंटों बाद शाम को कमलनाथ के पोस्टर विवाद पर पलटवार हुआ. शहर के कई इलाकों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भी पोस्टर लग गए. इन पोस्टरों में भी कुछ कथित घोटालों का जिक्र किया गया.
प्रदेश में में जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे अब वार-पलटवार भी तेज हो रहा है. जिस तरीके से कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में कर्नाटक के तत्कालीन सीएम के पोस्टर लगाकर उन्हें पे-सीएम करार दिया था, उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में कुछ लोगों ने सुबह-सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पोस्टर लगाए. उसमें बाकायदा एक स्कैनर था. उसे स्कैन करने पर 15 महीने की सरकार में हुए कथित घोटालों का जिक्र किया गया था. कमलनाथ के पोस्टर के बाद शाम को लिंक रोड, सतपुड़ा भवन सहित अन्य इलाकों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर लगाए गए. उसमें लिखा गया, शिवराज नहीं घोटाला राज. इन पोस्टर्स में ई-टेंडर, व्यापम, डंपर, यूरिया आदि घोटालों का जिक्र किया गया.
पोस्टर देखकर कमलनाथ ने लगाए बीजेपी पर आरोप
अपना पोस्टर देखकर पूर्व सीएम कमलनाथ भड़क गए थे. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि यह पोस्टर उनकी छवि खराब करने के लिए लगाए गए हैं. उन्होंने कहा था कि ये पोस्टर बीजेपी ने लगाए हैं. इसी तह जब सीएम शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर लगे तो बीजेपी की तरफ से तमाम प्रवक्ताओं ने ट्वीट कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया.
बीजेपी ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथ
बीजेपी के मीडिया विभाग के प्रभारी आशीष अग्रवाल ने लिखा सूरज के सामने पर्दा लगाने से उसका प्रताप कम नहीं होता है. शिवराज की छवि कैसी है जनता भली-भांति जानती है. कांग्रेस की ओछी हरकत से शिवराज की छवि पर फर्क नहीं पड़ेगा. इतना ही नहीं बीजेपी की तरफ से थाने में एक शिकायत आवेदन भी दिया गया. हालांकि, कांग्रेस ने इस पोस्टर वॉर से पल्ला झाड़ा. उसने कहा कि उनका इन पोस्टर से कोई लेना-देना नहीं है. जनता 18 साल में शिवराज के घोटालों से वाकिफ है और उसी ने नाराज होकर यह पोस्टर लगाए होंगे.
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