वाशिंगटन । अमेरिका (US) अगले साल (Next Year) भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (Indian Astronauts) को प्रशिक्षण देकर (By Training) अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ले जाएगा (Will Take International Space Station) । अमेरिकी व्हाइट हाउस द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नई सीमाओं तक पहुंचने के लिए एक योजना तैयार की है।
बयान में कहा गया, कि उन्होंने 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए एक रणनीतिक ढांचा विकसित करने के नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के फैसले का स्वागत किया। बयान में कहा गया है कि नेताओं ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास बढ़ाने के लक्ष्य के साथ ह्यूस्टन, टेक्सस में जॉनसन स्पेस सेंटर में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नासा की घोषणा की सराहना की।
इससे पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा ने 1984 में रूसी रॉकेट से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत कौन से अमेरिकी रॉकेट पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेगा। भारत के गगनयान कार्यक्रम में पहले से ही चार भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अधिकारी रूस में प्रशिक्षण ले चुके हैं। यह जानना दिलचस्प होगा कि क्या, उन्हीं चार लोगों को यूएस-इंडो अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए विचार किया जाएगा या इसमें अलग लोग होंगे।
मोदी और बाइडेन ने अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की संपूर्ण श्रृंखला में अमेरिका और भारतीय निजी क्षेत्रों के बीच वाणिज्यिक सहयोग बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा का आह्वान किया। व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडेन ने आर्टेमिस समझौते पर भारत के हस्ताक्षर की गहराई से सराहना की, जो सभी मानव जाति के लाभ के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के एक सामान्य दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।
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