जबलपुर। नगर और आस-पास इन दिनों आधार को पेन से लिंक कराने के काम में लोगों को पसीना आ रहा है। इसकी वजह प्रमुख रूप से बताई जा रहा है कि इसके लिये उपयोग किये जाने वाले सर्वर का आये दिन डाउन रहना है। चूंकि 30 जून आधार से पेन को लिंक कराने की अंतिम तारीख है इसलिये जिन्हें आधार से पेन को लिंक कराना है, उन्हें समझ नही आ रहा है कि इस समस्या के चलते वे कैसे आधार को पेन से लिंक कराने का काम करें। खास बात यहा यह है कि इस बाबत् कोई भी जवाबदार अधिकारी कुछ भी बोलने तैयार नहीं है। इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आयकर विभाग का ध्यान इस बाबत अपने ट्वीट के माध्यम से कराया है। इसमें श्री तन्खा ने कहा है कि तकनीकी समस्या के कारण लोग अपने आधार से पेन को लिंक नहीं करा पा रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उचित दिशा-निर्देश फिर से जारी कि ये जाये ताकि लोग परेशान न हो और आने वाले दिनों में वे आसानी से आधार से पेन को लिंक कराने का काम करा सके। गौरतलब है कि भारत सरकार ने आधार से पेन को लिंक करना आवश्यक कर दिया है। इसके लिये अब 30 जून की तारीख भी तय कर दी है। इसमें 1 हजार रूपये की लेट फीस देने के बाद आधार से पेन को लिंक कराया जा सकता है। इसके बाद 10 हजार का भारी भरकम फीस देने के बाद ही आधार से पेन को लिंक किया जा सकेगा। इसी बात की चिंता को लेकर लोग हलाकान हैं। एमपी ऑनलाईन के काउंटर और कलेक्ट्रेट के आधार सेंटरों में लोग सुबह से शाम तक परेशान देखे जा सकते हैं बावजूद उनका काम नहीं हो पा रहा है। जिसके बाद अब एक मात्र हल इस समस्या का रह जाता है कि फिलहाल आधार से पेन को लिंक करने की अंतिम तारीख को बढ़ाया जाये।
सरकार के आधीन है सर्वर
इधर जानकारों के अनुसार जिस लिंक के माध्यम से आधार को पेन से लिंक करना है, का सर्वर भारत सरकार है। ऐसे में सर्वर डाउन रहने की स्थिति में आधार से पेन लिंक का काम पूरी तरह ठप्प है। सर्वर डाउन की समस्या को लेकर स्थानीय स्तर पर इसका हल नहीं हो पा रहा है।
नियमों पर डालते हैं एक नजर
जानकारों के अनुसार जिनकी आय पांच लाख से ज्यादा है और वे रिटर्न फाईल करते हैं, ऐसे लोगों को अपने आधार से पेन का लिंक कराना जरूरी है। इसी के चलते ऐसे तमाम लोग जो इस परिधि में आते हैं उनकी चिंता बढ़ी है और वे आधार से पेन को लिंक कराने को लेकर प्रयासरत हैं। आधार से पेन लिंक नहीं होने की स्थिति में आर्थिक लेन-देन और आयकर टैक्स से संबंधित काम प्रभावित होने की संभावना बढ़ जायेगी।
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