नई दिल्ली: केंद्र की बीजेपी सरकार ने पशुधन उत्पाद और पशुधन परिवहन विधेयक 2023 के मसौदे को वापास ले लिया है. कहा जा रहा है कि पशुपालक और आम लोगों के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने मसौदे को वापस लेना का फैसला किया है. अब केंद्र सरकार इस मसौदे में सुधार करने का विचार कर रही है. वहीं, जानकारों का कहना है कि यदि यह मसौदा पारित हो जाता, तो मवेशियों के निर्यात को बढ़ावा मिलता. केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय ने इस मसौदे को जनता की राय जानने के लिए पब्लिक डोमेन में रखा था. लेकिन लोगों के विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया.
केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय की मांग के अनुसार लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एक्ट 1898 में बदलाव करना चाहते थे. यह एक्ट अंग्रेजों के जमाने से ही चला आ रहा है. ऐसे में लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एक्ट, 1898 में बदलाव करते हुए लाइवस्टॉक प्रोडक्ट एण्ड लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एण्ड एक्सपेटेशन विधेयक2023 के मसौदे को पब्लिक डोमेन में रखा गया. लेकिन सोशल मीडिया पर इस मसौदे को लेकर गलत जानकारियां फैलाई गईं, जिससे लोग भ्रमित हो गए.
इंडिया की आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, मसौदे को वापस लेने के लिए अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मसौदे को पब्लिक डोमेन पर रखने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि इसमें अभी और बहुत बदलाव करने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपालन क्षेत्र में और अधिक विकास करने और मिल्क प्रोडक्ट की क्वालिटी को और बेहतर बनाने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं. देश की जनता आजादी का अमृत महोत्सव सेलिब्रेट कर रही है. ऐसे में देश की आजादी के पहले से चले आ रहे कानूनों को बदने की जरूरत हो गई है.
लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एक्ट 1898 को बदलने से पशुपालकों को काफी फायदा होता
उनकी माने तो आजादी से पहले के कानून वर्तमान समय के अनुसार फीट नहीं बैठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार पुराने कानूनों को बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एक्ट, 1898 को बदलने से पशुपालकों को काफी फायदा होता.
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