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    विदेशी जमीन पर मारे जा रहे भारत में दहशत फैलाने वाले आतंकी, आखिर कौन है इसके पीछे ?

  • June 21, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । खालिस्तान टाइगर फोर्स (khalistan tiger force) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की रविवार शाम कनाडा के सरे में गुरुद्वारा साहिब परिसर में गोली मार कर हत्या (killing) कर दी गई. हरदीप सिंह निज्जर को भारत सरकार ने ‘वांछित आतंकवादी’ (wanted terrorist) घोषित किया था. 46 साल के निज्जर पर हिंसा और कई गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था.

    निज्जर कनाडा के सरे में रहता था. ये शहर वैंकूवर के दक्षिण-पूर्व में लगभग 30 किमी दूर है, और पश्चिमी कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया का सबसे बड़ा शहर है.

    जालंधर जिले के फिल्लौर उपमंडल के गांव भरसिंह पुरा का रहने वाला निज्जर 1997 में पंजाब से कनाडा चला गया था. यहां पर उसने प्लंबर के तौर पर काम शुरू किया था. उसने कनाडा में ही शादी की थी, दो बेटे भी हुए. वह 2020 से सरे गुरुद्वारा निकाय का अध्यक्ष था.


    एक रिपोर्ट के मुताबिक, गजिंदर सिंह ने हरदीप सिंह की मौत के बाद कहा, ‘हरदीप सिंह निज्जर आखिरी सांस तक समर्पित खालिस्तानी थे. वह मेरे लिए बेटे की तरह थे. वह कुछ साल पहले मुझसे मिले. उन्होंने प्यार और विचारों के बंधन को मजबूत किया. ‘वह दिल से एक सच्चा खालिस्तानी था’.

    गजिंदर सिंह खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘दल खालसा’ का सह-संस्थापक है. गजिंदर सिंह 1981 के इंडियन एयरलाइंस विमान हाइजैक का मुख्य आरोपी है. सिख अलगाववादियों की ये कोई पहली हत्या नहीं है. एक महीने में यह तीसरी हत्या है. हत्याओं को लेकर कई कट्टरपंथी कार्यकर्ता सवाल भी उठाने लगाने हैं. उनका कहना है कि क्या तीन खालिस्तान कार्यकर्ताओं की अचानक हत्याओं का एक पैटर्न है?

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में खालिस्तान के झंडे के साथ सिख पुरुष और महिलाएं सरे में घटनास्थल पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि इस वीडियो की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है.

    दो महीने में विदेश हुई तीन दहशतगर्दों की हत्याएं
    निज्जर की हाई-प्रोफाइल हत्या से कुछ दिन पहले ब्रिटेन स्थित एक अन्य संगठन प्रमुख अवतार सिंह खांडा की एक अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी.

    रिपोर्ट के मुताबिक खांडा खालिस्तानी अलगाववादियों को प्रशिक्षित करता था. वो दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को भी ट्रेनिंग दे रहा था. अमृतपाल सिंह फिलहाल जेल में बंद है.

    खांडा की मौत 15 जून को ब्रिटेन के बर्मिंघम हॉस्पिटल में हो गयी. खबरों के मुताबिक, खांडा के समर्थक कह रहे थे कि उन्हें जहर दिया गया. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया कि उसे ब्लड कैंसर था.

    एक रिपोर्ट के मुताबिक अवतार सिंह खांडा का जन्म पंजाब के मोगा जिले में हुआ था. उसे लंदन में भारतीय उच्चायोग में 19 मार्च को हुई हिंसा के पीछे का मास्टरमाइंड भी बताया गया. कथित तौर पर उसने ही उच्चायोग से तिरंगा उतारा था. अवतार सिंह खांडा ने इस साल की शुरुआत में लंदन में भारतीय उच्चायोग में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था.

    एक रिपोर्ट के मुताबिक खांडा को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IEDs) बनाने का एक्सपर्ट बताया गया था. यह बताया गया कि उसने यूके के गुरुद्वारों में बम बनाने के कुछ लाइव प्रदर्शन भी किए थे.

    पाकिस्तान में मारा गया था एक खालिस्तानी
    पिछले महीने परमजीत सिंह पंजवार को पाकिस्तान के लाहौर में गोली मार दी गई थी. पंजवार भारत में वांछित आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) का प्रमुख था.
    पंजवार अपने गार्ड के साथ एक पार्क में था, जब दो हमलावरों ने उस पर गोलियां चलाईं. गोली चलाने वाले दोनों हमलावर मोटरसाइकिल पर फरार हो गए. पंजवार और निज्जर दोनों को जुलाई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भारत द्वारा आतंकवादी बताया गया था.

    परमजीत सिंह पंजवार कौन था और लाहौर में क्यों रह रहा था?
    परमजीत सिंह पंजवार का जन्म 1960 में तरनतारन के पंजवार गांव में हुआ था. 1986 तक वो खालिस्तान कमांडो फोर्स में शामिल होने के बाद वो सोहल में केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करने लगा. 1986 में वो केसीएफ में शामिल हो गया. जिसके कमांडर, पंजवार के चचेरे भाई और पूर्व पुलिसकर्मी लाभ सिंह का उन पर एक बड़ा प्रभाव था.

    पंजवार पर ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना प्रमुख रहे जनरल अरुण वैद्य की हत्या करने का भी आरोप लग चुका है. उसके खिलाफ भारतीय धरती पर आतंकवादी हमले कराने के मामला भी दर्ज है. उस समय तक केसीएफ को लाभ सिंह ने संभाला. लाभ सिंह को सुखदेव सिंह या सुक्खा सिपाही के नाम से भी जाना जाता है.

    1990 के दशक में लाभ सिंह की मृत्यु के बाद केसीएफ गुटों में टूट गया, जिनमें से एक का नेतृत्व पंजवार कर रहा था. एक समय पंजवार भारत-पाकिस्तान सीमा पर माझा बेल्ट में आतंक का माहौल था. जैसे ही सुरक्षा बलों द्वारा खालिस्तानियों पर कार्रवाई तेज हुई, पंजवार पाकिस्तान भाग गया, और तब से वहां रह रहा था.

    विदेश में निशाना बन रहे भारत विरोधी दहशतगर्द
    बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम – 20 फरवरी 2023 को रावलपिंडी में हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की हत्या कर दी गई थी. इम्तियाज आलम भारत का मोस्ट वांटेड घोषित आतंकवादी था. पीर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने और घुसपैठ के लिए रसद सहायता प्रदान करने का आरोप था. उसे पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा चुका था.

    सैयद खालिद रजा – 26 फरवरी 2023 को पाकिस्तान के कराची में अल बद्र के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी. उसकी हत्या पाकिस्तान के कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर ब्लॉक 7 इलाके में स्थित उसके आवास के बाहर की गई थी. पाकिस्तान पुलिस के सूत्रों के अनुसार, जब वह अपने घर से बाहर निकल रहा था, तब उस पर नजदीक से गोली चलाई गई.

    एजाज अमीन अहंगर
    22 फरवरी 2023 को इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान के वरिष्ठ कमांडर अबू उस्मान अल-कश्मीरी के नाम से जाना जाने वाला एजाज अमीन अहंगर की काबुल में हत्या कर दी गई.

    अबू उस्मान- आतंकवादी अबू उस्मान को अफगानिस्तान के काबुल में गोली मार दी गई थी. श्रीनगर में जन्मा आतंकवादी अबू उस्मान अफगानिस्तान में दशकों से रह रहा था. वो करीब दो दशकों से जम्मू-कश्मीर में “वांछित आतंकवादी” था. उसके अल-कायदा और अन्य वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संंबध थे.

    सैयद नूर शालोबर- चार मार्च 2023 को सैयद नूर शालोबर की हत्या कर दी गई थी. सैयद कश्मीर घाटी में आतंकवादियों की भर्ती के पीछे का मास्टरमाइंड था और “कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के साथ मिलकर काम कर रहा था.

    बता दें कि इस साल 10 भारतविरोधी आंतकवादियों को विदेश में मारा जा चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में इन आतंकवादियों को मारने की जिम्मेदारी सिंधुदेश रिवॉल्यूशनरी आर्मी ने ली है. सिंधुदेश रिवॉल्युशनरी आर्मी आमतौर पर बलूच विद्रोहियों से अलग अपने छोटे हमलों के लिए जाना जाता है.

    ये छोटे हमले जैसे ट्रेन की पटरियों को उड़ा देना, मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता था. हाल के दिनों में संगठन बड़े घटनाक्रमों को अंजाम देने लगा है. बता दें कि सिंधुदेश रिवॉल्युशनरी आर्मी को अगस्त 2020 में कराची में निकाली गई एक रैली पर हुए ग्रेनेड हमले में भी शामिल था जिसमें करीब 30 लोग घायल हुए थे.

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