- मीणा बोले भाजपा के गढ़ जीवाजीगंज में 4 बार जीता हूँ-एक पैसे का भ्रष्टाचार नहीं करता और डरता किसी मंत्री से नहीं
उज्जैन। उत्तर विधानसभा से कांग्रेस के एक उम्मीदवार हैं अनंतनारायण मीणा। एकदम देसी और सरल जनसेवक। भाजपा के गढ़ जीवाजीगंज से बीते 25 वर्षों में चार बार अलग-अलग वार्डों से चुनाव जीत चुके हैं। अब तो भाजपा के ही लोग इन्हें धरतीपकड़ कहने लगे हैं। क्षेत्र के भाजपाई खुलकर कहते हैं कि केवल पहलवान हैं जो हमें चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस के अधिकांश बड़े नेता अपने ही वार्डों में चुनाव लड़ते हैं लेकिन मीणा के साथ ऐसा नहीं है। बचपन से अखाड़ों में कसरत करने के शौकीन और अब स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया अर्थात साई कुश्ती सेंटर चलाकर बच्चों को मोबाइल और नशे की गिरफ्त से दूर रखने के लिए संकल्प लेकर जुटे हुए मीणा गरीबों, महिलाओं, युवाओं, उद्योगपतियों और पिछड़ों सबकी बात करते हैं। अग्रिबाण की अदालत में हमने उनसे सवाल पूछे। पाठक देखें उनके जवाब संतोषजनक हैं या अधूरे।
- प्र. आपको लोग अंतु पहलवान बोलते हैं। क्या राजनीति में बाहुबली दिखाना चाहते हैं खुद को?
पहलवान मुझे लोग इसलिए नहीं बोलते कि मैं 100-200 बाउंसर की टीम लेकर चलता हूँ। पहलवान लोग इसलिए नहीं बोलते कि मेरे लोग ब्याज का धंधा करते हों, शराब ठेके में पार्टनरशिप हो या व्यापारियों से हफ्ता वसूलते हों। पहलवान लोग इसलिए भी नहीं बोलते कि कोई मेरी रंगदारी क्षेत्र में है। पहलवान इसलिए लोग बोलते हैं कि मैं पिछले 50 वर्षों से सुबह अखाड़ों में गुजारता हूँ शरीर को मजबूत बनाने के लिए और शाम अखाड़ों में पहुँचता हूँ बच्चों को कुश्ती सिखाने के लिए। लोगों से प्रेम का रिश्ता है। - प्र. तो पहलवानी करते हुए राजनीति में कैसे आ गए?
मैं शुरू से अंकपात मार्ग पर रहता हूँ और आसपास के 5 किलोमीटर के क्षेत्र में मेरी और मेरे परिवार की खेती रही है। आसपास ही खेत के श्रमिक परिवार रहते थे। अब उनके लिए दु:ख सुख में खड़े होना परिवार की जिम्मेदारी थी। बड़ा होने के कारण मैं उसमें आगे रहा तो पता ही नहीं चला कब राजनीति में आ गया। 1995 में जब नगर निगम के चुनाव हुए तो जैन वार्ड से मैं जीता, जहाँ अभय मेहता खुद हार चुके थे। इस तरह राजनीति शुरू हुई। - प्र. आपने पार्षद की बात की। उज्जैन में एक बार छोड़ दें तो कभी कांग्रेस का महापौर नहीं रहा, अध्यक्ष नहीं बना।
आप सही कह रहे हैं। उज्जैन उत्तर पिछले 30 वर्षों से भाजपा का गढ़ है। उसमें भी जीवाजीगंज का बड़ा बेल्ट भाजपा का अभेद्य किला है। इसीलिए एक बार के अलावा भाजपा के ही महापौर बनते हैं लेकिन आप इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि भाजपा के महापौर अरबों रुपए का भ्रष्टाचार करते हैं और कांग्रेस उन्हें हर कदम पर विवश कर देती है। कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जानता है कि केवल अनंतनारायण मीणा हैं जो भाजपा को उत्तर में हरा सकते हैं। - प्र. तो क्या मतदाता भाजपा से नाराज हैं?
मैं मंडी से जुड़ा हूँ और मंडी में एक-एक घर भाजपा का है, लेकिन आप पूछ लीजिए व्यापारी कितने नाराज हैं। किसानों के लिए यदि शिवराज इतना काम कर रहे हैं तो पूछ लीजिए किसान कितने नाराज हैं। किसानों में अपमान का भाव है कि एमएसपी की मांग करने वाले किसानों को घसीट घसीटकर मारा। युवा नाराज हैं कि बलात्कारी बृजभूषण सिंह को मोदी जी कैसे बचा रहे हैं। महिलाएँ कह रही हैं मामा जी 1 हजार रुपए देने की बजाय गैस की टंकी 100 रुपए की कर दो। कुल मिलाकर हर जगह हताशा का माहौल है। - प्र. आप भाजपा की हताशा पर वोट मांगेंगे या अपने काम पर?
कार्यकर्ता मेरे नाम पर भरोसा रखते हैं क्योंकि मैं भाजपा के धनकुबेर बाहुबली मंत्रियों से सीधे टक्कर लेता हूँ। मैं किसी मंत्री से नहीं डरता। सैकड़ों कार्यकर्ता मेरे साथ हैं जिन पर मैं जेब से पैसे खर्च करता हूँ। हमने जो काम किए हैं उसको शहर के लोग याद रखते हैं। अपने काम पर वोट मांगेंगे लेकिन भाजपा के गलत कामों का विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। - प्र. लगता है भाजपा के भ्रष्टाचार पर आप काफी कुछ जानते हैं?
मैं नहीं खुद भाजपाई जानते हैं। भाजपा के ही कार्यकर्ताओं से मंत्रियों और विधायकों ने पैसे लेकर उनके काम करवाए हैं, तबादले करवाए हैं। अभी देखिए बारिश में अच्छी सड़कों पर डामरीकरण करवा रहे हैं। पूरा कमीशन का खेल है। शहर में टाटा से कमीशन लेकर उसे अपाहिज बना दिया और लोग रोज उछल कर गिर रहे हैं। भाजपा आखिर कितने लोगों की जान लेकर भ्रष्टाचार बंद करेगी? - प्र. अब भाजपा के भ्रष्टाचार पर मुखर हैं, कांग्रेस क्या कम पड़ती है?
कांग्रेस को उसके कर्मों की सजा जनता ने दे दी है। अब कांग्रेस उबरकर पलटवार कर रही है। हिमाचल देखें, कर्नाटक देखें, छत्तीसगढ़ देखें, राजस्थान देखें, मध्यप्रदेश देखें…मोदी जी का जादू उतर चुका है। लोग समझ गए कि प्रदेश में मोदी जी के भरोसे नैया डूब जाएगी इसलिए कांग्रेस को ला रहे हैं बड़े-बड़े राज्यों में। - प्र. मध्य प्रदेश में कहाँ कांग्रेस सरकार चला पाई जो जनता दूसरी बार बनवा दे?
जितने भी ढुलमुल लोग थे वह भाजपा में चले गए। अब हमारे पास शुद्ध कांग्रेसी हैं। क्या आपको खुद नहीं लगता कि सिंधिया के जाने के बावजूद भी पूरे प्रदेश में कांग्रेस की हवा है? - प्र. लेकिन दिग्विजय सिंह को भाजपा मिस्टर बंटाढार बोलती है और वही मैदान में कमान संभाल रहे हैं। क्या वोट नहीं कटेंगे?
भाजपा ने एक प्लानिंग के साथ दिग्विजय सिंह को हिंदू विरोधी बताया। आप बताइए किसी और भाजपा सरकार ने देश के किसी भी राज्य में सिमी पर प्रतिबंध लगाया? भारत में सबसे पहले दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए सिमी पर रोक लगाई। वह दोनों वर्गों के गलत लोगों के विरोध में बोलते हैं लेकिन भाजपा अपने हित में कैश करा लेती है। दिग्विजयसिंह गांव-गांव में संगठन को जोड़ रहे हैं। यह मेहनत रंग लाएगी। - प्र. मतलब दिग्विजयसिंह आपके लीडर हैं। आपका टिकट उस कोटे से होगा?
मेरे लीडर दिग्विजय सिंह हैं और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ हैं। दोनों मिलकर ही चुनाव जिताएंगे। मुझे टिकट पार्टी देगी और मांग कार्यकर्ता करेंगे। - प्र. आपके राजनीतिक संघर्ष को लोग ज्यादा नहीं जानते, क्यों?
2010 से 2018 तक मैं शहर कांग्रेस का अध्यक्ष रहा हूँ। बटुक जी के बाद सबसे ज्यादा। इस दौरान डॉ. अंबेडकर सम्मेलन पूरे 1 साल तक आयोजित किए, राष्ट्रीय किसान सम्मेलन राहुल गांधी की उपस्थिति में मेरे कार्यकाल में हुआ। 8 बार भाजपा सरकार में मैंने उज्जैन बंद करवाया। 6 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुतले जलाए। छोटे-मोटे प्रदर्शनों में पुलिस से मुठभेड़ के दौरान मेरे 140 कुर्ते फटे हैं। लोगों की तकलीफ के लिए किया यह लोगों को पता है। क्या मैं बार-बार फेसबुक पर फोटो लगाऊं? मैं हवाई राजनीति नहीं करता। पब्लिक के दिलों में सब कुछ दर्ज है। उससे ज्यादा बारीकी कोई नहीं रखता। - प्र. कांग्रेस महाकाल मंदिर पर बड़ा आंदोलन क्यों नहीं करती?
भाजपा के बड़े मंत्री ने इसी महीने स्वीकार किया कि उज्जैन में महाकाल लोक कांग्रेस की 16 महीने की कमलनाथ सरकार ने बनवाया। अब उसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार कर और भगवान को देखने भर पर जजिया कर लगाने का अनोखा काम भाजपा ने किया है। हम हर तरह से विरोध कर चुके हैं और दावा है कि सरकार बनते ही दर्शन के शुल्क हटा देंगे।
प्र. महाकाल और ब्राह्मण उज्जैन उत्तर में जीत का मंत्र हैं। महाकाल पर आपने वादा कर लिया, ब्राह्मण समीकरण से कैसे निपटेंगे?
इस सीट से बटुक जी हारे दो बार, एक बार माया त्रिवेदी हारीं। केवल संबंध काम आते हैं बाकी सब उड़ाई हुई बातें हैं। - प्र. माया त्रिवेदी को आप अपनी दावेदारी में चुनौती नहीं मानते?
अरे माया त्रिवेदी पिछली बार कांग्रेस से गद्दारी कर चुनाव लड़ चुकी हैं। कमलनाथ जी ने राजेंद्र भारती और राजेंद्र वशिष्ठ को टिकट दिए थे। यदि माया त्रिवेदी और जयसिंह दरबार दोनों गद्दारी नहीं करते तो दो विधायक अधिक होते। तब क्या सिंधिया सरकार गिरा पाते? इसलिए पार्टी को सोचना है कि अवसरवादी को टिकट देना है या नहीं। - प्र. मतलब माया को टिकट हुआ तो आप काम नहीं करेंगे?
मैंने नहीं, माया ने गद्दारी की है। यह उन्हें देखना है कि मुझे टिकट मिला तो वह काम करेंगी या नहीं क्योंकि पहले भी संगठन के आदेश के विरोध में चुनाव लड़ चुकी हैं। मुझ जैसा कार्यकर्ता केवल पार्टी के लिए काम करेगा। आप यह सवाल उनसे पूछिए।
विशाल स्वास्थ्य शिविर लोगों के मददगार बने
मीणा कहते हैं मैं जमीन पर काम करता हूँ। 6 महीने पहले मीणा समाज धर्मशाला में स्वास्थ्य शिविर लगाया जिसमें 2 हजार मरीज पहुँचे। 1 हजार लोगों को नि:शुल्क चश्में दिए गए। लक्कडग़ंज में दशरथ राव स्मृति शिविर में 1500 मरीजों में 800 चश्मे बांटे गए। हमालवाड़ी में मोहम्मद हुसैन खालवाले की स्मृति में 600 चश्मों का वितरण हुआ, यह सब चुनाव के लिए नहीं है। समय-समय पर उनकी टीम शिविर आयोजित करती रहती है।
बड़ा दावा-विधायक बना तो अकेले गंभीर से ही पूरे वर्ष दोनों समय पेयजल वितरण
चर्चा में मीणा ने एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि गंभीर बांध में पानी की कमी नहीं है। कमी व्यवस्थाओं की है जो भाजपा ने केवल पैसे कमाने में नष्ट कर दी। उनका दावा है वह विधायक बने तो पूरे वर्ष दोनों समय पेयजल वितरण करेंगे। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया कि जब मैं जल कार्य समिति का अध्यक्ष था तो खुद नाव में बैठकर मोटर पंप की सर्चिंग की। पहली बार उनके समय मोटर पंप जब्त किए गए। यदि जनप्रतिनिधि लगातार मॉनिटरिंग करें तो पुलिस और अन्य शासकीय टीम पानी की चोरी रोक सकती हैं। चोरी रोकी तो गर्मी में जल संकट समाप्त। उनका दावा है भाजपा गर्मी में पेयजल परिवहन के लिए करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करती है इसलिए गंभीर डेम की चोरी नहीं रुकती।
तब 3 दिन तक शहर प्यासा रह जाता..
एक रोचक कहानी उन्होंने बताई। पीएचई समिति के अध्यक्ष थे तो कार्यपालन अभियंता कोठालकर ने कहा कि 3 दिन पेयजल वितरण शहरभर में नहीं होगा। यह बड़ी बात थी। शहर में हाहाकार मच जाता। कितने टैंकर लगाते, कितनी गलियों तक पहुँच पाते? कारण यह था कि गंभीर लाइन का 800 हॉर्स पावर का पंप खराब हो गया था जिसे सुधारने सेंधवा भेजा जाना था। मैंने कहा एक नहीं दो पंप आज ही खरीद कर लाओ, एक स्टैंड बाय में रहेगा। उन्होंने कहा कि खरीदी की प्रोसेस 1 महीने में पूरी होगी। मैंने महापौर से बात की, व्यापारी से खुद चर्चा की और भरोसा दिलाया कि पैसे तुम्हें मिलेंगे और शाम को ही पंप उज्जैन पहुंचकर देर रात तक चालू हो गए। इस तरह की हिम्मत जनप्रतिनिधि कम दिला पाते हैं। उससे बड़ी बात कि अधिकारी और व्यापारी पैसों का भरोसा कर लें।
8 टंकियाँ बनवाईं, अरबों रुपए का बजट हाथ में था, लेकिन 1 रुपया नहीं खाया
मीणा कहते हैं मेरी ताकत मेरा भ्रष्टाचार से दूर रहना है। नगर निगम के बोर्ड में जब जल कार्य समिति के अध्यक्ष बने तब उन्होंने शहर में 8 जगहों पर पानी की टंकी बनाई। अरबों रुपए का शहर के पेयजल का बजट था, सारी खरीदी उनके हाथ से होती थी, लेकिन अधिकारी जानते थे कि मीणा 1 रुपया नहीं लेते इसलिए वह भी बचते थे। मेरे क्षेत्र के लोग जानते हैं कि मैं भ्रष्टाचार नहीं करता। नेताओं के घर पब्लिक से रिश्वत पर चलते हैं। मैं उन कामों के प्रमाण पत्र बनवाने के पैसे नहीं लेता ना मेरी टीम का कोई सदस्य ले सकता है।
हवेली में घर के झगड़ों से लेकर पुलिस तक की सुनवाई होती है
मीणा की अंकपात द्वार के समीप ही बड़ी हवेली है। उनके घर पहुँचते लगता है कि बड़ा लावलश्कर भीतर होगा लेकिन अंदर साधारण परिवार के चिन्ह नजर आने लगते हैं। सुबह से लोग आने लगते हैं। एक आता है एक जाता है। कोई कहता है पुलिस दुकान पर परेशान कर रही है तो पहलवान फोन लगाते हैं। कभी-कभी पति-पत्नी आपसी झगड़े लेकर आ जाते हैं तो पहलवान उन्हें समझा-बुझाकर रवाना करते हैं। बच्चों की फीस, स्कूल में एडमिशन, मंडी में तौल, आर्थिक सहायता तमाम सारे काम दिन भर होते रहते हैं।