भोपाल। मध्यप्रदेश के दमोह में बनी अंग्रेजी शासन की जिला जेल को सरकार ने 161 करोड़ रुपये में बेच दिया है। पुरानी जेल अब शहर से बाहर शिफ्ट होगी। इसे जबलपुर बाईपास मार्ग पर बरपटी पहाड़ी पर मॉडल कॉलेज के सामने 25 एकड़ जमीन पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए राजस्व विभाग ने 25 एकड़ जमीन जेल विभाग को मुहैया भी करा दी है। इससे पहले नई जेल बनाने के लिए हाउसिंग बोर्ड की ओर से टेंडर जारी किया गया था। इसकी टेंडर प्रक्रिया छह महीने से रुकी हुई थी। जबकि टेंडर के लिए तीन फर्म सामने आईं थीं। उनमें एक योगेश एंड कंपनी भोपाल ने 161 करोड़ और जबलपुर की फर्म समदडिय़ा ने 151 करोड़ रुपये का टेंडर डाला था। इसके अलावा एक अन्य फर्म भी इसमें शामिल हुई थी। इसी सिलसिले में आठ जून को टेंडर खोले गए। भोपाल की योगेश एंड कंपनी ने सबसे ज्यादा बोली लगाई। इसके बाद सबसे ज्यादा रेट डालने वाली भोपाल की योगेश एंड कंपनी को 161 करोड़ रुपये में जेल सौंप दी गई। शर्त के मुताबिक, टेंडर लेने वाली एजेंसी पहले बरपटी पर नई जेल बनाएगी। फिर यहां पर जेल का निर्माण पूरा होने के बाद उसमें पुरानी जेल को शिफ्ट करेगी।
नई जेल में होंगी ये सुविधाएं
जानकारी के मुताबिक, नई जेल में नौ बैरक होंगी। इसमें इंटेंस प्लाजा, दो गार्ड रूम, भर्ती कक्ष, प्रशासनिक भवन, अस्पताल भवन, अनाज भंडार, तीन रसोई घर और डाइनिंग हॉल, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, महिला और पुरुष कैदियों के लिए अलग-अलग वर्कशॉप, वीसी रूम और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा करीब 300 सीटर सभाकक्ष, 20 मीटर ऊंचे वॉच टॉवर और ओपन जेल जैसी व्यवस्थाएं भी रहेंगी।
76 स्टाफ आवास, बच्चों को गार्डन
नई जेल के साथ अधिकारी-कर्मचारियों के लिए 76 नए आवास जिनमें दो ई-टाइप क्वार्टर, चार एफ टाइप, 20 जी टाइप, 48 एच टाइप और दो आई टाइप आवास बनाए जाएंगे। मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के महाप्रबंधक एमके खरे ने बताया कि टेंडर लेने वाली एजेंसी तकरीबन 82 करोड़ रुपये की राशि से नई जेल की बिल्डिंग बनाएगी। बाकी राशि शासन के खाते में जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुरानी जेल 12 एकड़ में फैली है, इसमें 333 कैदी रखे जा सकते हैं। लेकिन जो नई जेल बन रही है, उसमें एक साथ 700 कैदी रखे जा सकेंगे। इस जेल में मल्टीपरपज सुविधाएं होंगी।
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