भोपाल: मध्यप्रदेश में बीते दो साल से ट्रांसफर पर लगी रोक बुधवार को हट गई है. 15 जून से 30 जून के बीच सरकारी कर्मियों के ट्रांसफर हो सकेंगे. राज्य शासन ने नई स्थानांतरण नीति 2023 के आदेश जारी कर दिए हैं. यानी, स्थानांतरण को लेकर जो कर्मचारी इंतजार कर रहे थे, उनका इंतजार खत्म हो गया है.
विधानसभा चुनाव के पहले सरकारी कर्मचारियों की मांग की वजह से शिवराज सरकार पर नई ट्रांसफर पॉलिसी लाने का दवाब था. सरकार ट्रांसफरों में होने वाली धांधलियों और आरोपों से बचना चाह रही थी. इसलिए, अब तक मुख्यमंत्री स्तर पर जरूरी ट्रांसफर किए जा रहे थे.
आखिरकार कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने नई नीति के आदेश जारी कर दिए. नई नीति जून 2021 में आई नीति की कॉपी भर है. यानी इसमें सिर्फ तारीख बदली गई है. लिहाजा, पहले की तरह, इसमें जिला स्तर पर और विभागीय स्तर पर ट्रांसफरों की अधिकतम संख्या समेत कई शर्तें भी लगाई गई हैं.
हर विभाग में तबादलों की अधिकतम सीमा तय
राजस्व विभाग में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक संचालक, उप संचालक एवं SLR मिलाकर अधिकतम 200 ट्रांसफर हो सकेंगे. पटवारियों के ट्रांसफर के लिए 4000 की सीमा रहेगी. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में डॉक्टर से लेकर ड्राइवर तक अधिकतम 5000 ट्रांसफर और खाद्य एवं नापतोल विभाग में निरीक्षक एवं उप पंजीयक स्तर के अधिकतम 40 ट्रांसफर किए जा सकेंगे. ट्राईबल डिपार्टमेंट में अधिकारी और कर्मचारी मिलाकर 10000 ट्रांसफर की लिमिट है. वन विभाग में रेंजर से लेकर नीचे तक अधिकतम 5000 ट्रांसफर और हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर से लेकर नीचे तक 4000 ट्रांसफर होंगे. शेष अन्य सभी विभागों में लगभग 10,000 स्थानांतरण हो सकेंगे.
तबादले का अधिकार किसे रहेगा
राज्य के अंतर्गत विभागों के अध्यक्ष एवं शासकीय उपक्रमों में पदस्थ प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री करेंगे. विभिन्न विभागों में पदस्थ प्रथम द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के ट्रांसफर विभागीय मंत्री के अनुमोदन से अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव जारी करेंगे. जिला संवर्ग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के ट्रांसफर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से विभाग के जिला अधिकारी जारी करेंगे.
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