इंदौर। नगर निगम बजट में चोरी-छिपे कई इलाकों के रेट झोन में बदलाव कर संपत्ति कर बढ़ा दिया गया, जिससे एक-एक संपत्ति पर सीधे-सीधे 2 से 3 हजार रुपए का सालाना अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसको लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और अब विपक्ष ने हर 15 दिन में महापौर का घेराव करने की चेतावनी दी है।
इससे घरेलू और व्यावसायिक संपत्तियों पर बड़ा असर पडऩे वाला है। कई कालोनियों में तो सीधे-सीधे 60 प्रतिशत के ऊपर भार बढ़ेगा। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इस मामले में पहले भी रेट झोन बदलने और उनके रेट बदलने का विरोध किया था, लेकिन महापौर पुष्यमित्र भार्गव और राजस्व प्रभारी निरंजनसिंह चौहान ने स्पष्ट किया था कि हमने इस बजट में 1 रुपया भी टैक्स नहीं बढ़ाया है।
चौकसे ने कहा कि सीधे टैक्स नहीं बढ़ाते हुए सीधे रेट झोन में बदलाव करना चोरी-छिपे टैक्स बढ़ाने के समान है। बजट पढऩे के बाद यह मालूम पड़ा कि रेट झोन बदलने का जो आधार दिया गया है, वह तर्कसंगत नहीं है। 85 वार्डों में से कुल 71 वार्डों के ही रेट झोन बढ़ाए गए हैं और 14 वार्ड, जिनमें 2, 5, 8, 10, 11, 13, 15, 46, 51, 53, 54, 68, 75 और 85 नंबर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यह कैसे तय किया जा सकता है। चौकसे ने कहा कि पूर्व कांग्रेस परिषद की तुलना में अभी तक भाजपा की परिषदों ने दो से ढाई गुना तक टैक्स बढ़ा दिया है, जबकि निगम को राज्य सरकार से 670 करोड़ रुपए की बकाया राशि लेने के लिए प्रयास करना चाहिए। अब इस मामले में महापौर से टैक्स वापस लेने के लिए कांग्रेस पार्षद दल हर 15 दिन में उनका घेराव करेगा और उनके टैक्स नहीं बढ़ाने के वादे को याद दिलाएगा।
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