स्मार्ट सिटी के अफसर रहे एमआईसी मेंबरों के निशाने पर, अब कोई भी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी में शामिल करने के पहले एमआईसी में रखा जाएगा
इंदौर। कल एमआईसी की बैठक में स्मार्ट सिटी के अफसर कई सदस्यों के निशाने पर रहे और कुछ सदस्यों ने तो कहा कि स्मार्ट सिटी का बार-बार नाम लिया जाता है, जबकि वहां के अफसर वेतन तो निगम से ही लेते हैं। अब किसी भी प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी में लेने के पहले उसे एमआईसी की बैठक में रखा जाएगा और उसके बाद ही स्मार्ट सिटी के अफसर उस पर काम कर सकेंगे। वल्लभनगर मार्केट स्मार्ट सिटी के तहत बनाया जाना था, जिसे अब निगम बनाएगा।
41 से ज्यादा प्रस्तावों को लेकर कई घंटे तक चली एमआईसी की बैठक में कई सदस्यों ने अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोला था और प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डालने की शिकायतें भी की। कई सदस्यों का आरोप था कि कई प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी में शामिल कर लिए जाते हैं और उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं रहती है। हाल ही में वल्लभनगर मार्केट इसका उदाहरण है। आखिर किस आधार पर वल्लभनगर मार्केट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। कई सदस्यों ने इसका विरोध किया और बाद में तय हुआ कि निगम ही वल्लभनगर मार्केट बनाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी कई अफसर एमआईसी मेंबरों के निशाने पर थे। इसके साथ ही तय हुआ कि अब कोई भी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी में शामिल करने के पहले एमआईसी की बैठक में रखा जाएगा और सदस्यों की जानकारी और आपत्तियों को भी सुना जाएगा। वहीं कई महीनों पहले निलंबित और बर्खास्त किए गए 130 कर्मचारियों को फिर से बहाल करने की भी मंजूरी दी गई।
मैं भी अवैध निर्माणों की सूची देता हूं, अफसर कार्रवाई करके बताएं : शर्मा
जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा ने मुद्दा उठाया कि उनके क्षेत्र में अफसर बिना बताए मंदिर ढहा देते हैं और वे कार्रवाई के लिए धरने पर बैठते हैं, उसके बावजूद निलंबित किए अधिकारी मलाईदार पदों पर बहाल कर दिए जाते हैं। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए अफसर इतने सक्रिय हैं तो फिर मैं भी अवैध निर्माणों की सूची देता हूं। अफसरों में हिम्मत है तो वहां कार्रवाई करके बताएं।
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