दुर्घटनाएं रोकने के लिए बनेगा आठ किलोमीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा बायपास
इंदौर। इंदौर-खलघाट फोरलेन हाईवे पर स्थित बाकानेर घाट (गणेश घाट) पर नया रास्ता बनाने का काम शुरू हो गया है। मार्च के बाद से इसका इंतजार हो रहा था। दुर्घटनाएं रोकने के लिए घाट सेक्शन में आठ किलोमीटर लंबा नया बायपास बनाया जाएगा, जिससे इंदौर से खलघाट की ओर जाने वाले वाहन गुजर सकेंगे। इसके निर्माण पर लगभग 209 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और अगले एक साल में इसे बनाकर ट्रैफिक खोलने का लक्ष्य है।
यह बायपास इसलिए बनाया जा रहा है, क्योंकि इंदौर से खलघाट की ओर जाते समय वाहन बाकानेर घाट में तीखे ढलान के कारण संतुलन और नियंत्रण खो देते हैं और पलट जाते हैं। कई बार असंतुलित वाहन आगे चल रहे वाहनों से भी टकरा जाते हैं। नए बायपास में ढलान बहुत कम रह जाएगा, इसलिए यह समस्या खत्म हो जाएगी। इंदौर से खलघाट जाने वाले वाहन बिना किसी परेशानी के नए रास्ते से गुजर सकेंगे। खलघाट से इंदौर तरफ आने वाले वाहन वर्तमान की तरह आ सकेंगे। लगातार दुर्घटनाओं के कारण नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने बाकानेर घाट को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया था। सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 31 मार्च-23 तक बायपास बनाने के लिए निर्माण एजेंसी चुनने का लक्ष्य तय किया था और सडक़ निर्माण की एजेंसी चुन ली गई है। अफसरों ने बताया कि नया बायपास 30 मीटर चौड़ा होगा, जिसमें एक फ्लायओवर बनाया जाएगा। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांजल के मुताबिक घाट सेक्शन को बायपास करने के लिए जमीन विभाग को मिल गई है। 9 जून से काम की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इसे सालभर में बनाने का लक्ष्य है, क्योंकि यह महज आठ किलोमीटर लंबा रोड है। घाट के मध्य भाग के कुछ हिस्सों में मकान और छुटपुट निर्माण हैं। उक्त हिस्से में काम शुरू करने से पहले स्थानीय प्रशासन की मदद से उन्हें हटा दिया जाएगा।
तीन साल से हो रही थी मशक्कत
लोगों की मांग और वाहन दुर्घटनाओं के कारण करीब तीन साल से बाकानेर घाट का ढलान खत्म करने की मांग उठ रही थी। तात्कालिक तौर पर एनएचएआई ने मौजूदा ढलान में कुछ सुधार जरूर किए थे, लेकिन दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं। यही वजह रही कि एनएचएआई को नए बायपास का प्रोजेक्ट बनाना पड़ा। वन और पर्यावरण विभाग से भी नई सडक़ बनाने के लिए जरूरी अनुमतियां मिल गई हैं।
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