इंदौर (Indore)। ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते ही आमतौर पर मन में भय, घबराहट और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खयाल ही आता है, लेकिन हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता है व 70 प्रतिशत ब्रेन ट्यूमर बिना कैंसर वाली गठानें रहती हैं, जिन्हें सही समय पर इलाज और सर्जरी से दूर किया जा सकता है।
वल्र्ड ब्रेन टयूमर डे के मौके पर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जाग्रत अवस्था में मरीज के दिमाग का ऑपरेशन करने वाली टीम ने अपने अनुभव साझा किए। डॉक्टरों के अनुसार महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय में अब तक ब्रेन ट्यूमर के लगभग 200 केसेस की सर्जरी की गई, जिसमें अत्याधुनिक मशीनें, हाई एंड माइक्रोस्कोप, न्यूरोनेविगेशन, न्यूरो मोनिटरिंग आदि के उपयोग से सफलता की दर में तेजी से सुधार आया है।
ये हैं लक्षण
ब्रेन ट्यूमर एक वर्ष की आयु से वृद्धावस्था तक हो सकता है। इसके मुख्य लक्षण सिरदर्द, जो कि दवाओं से आराम न दे, सुबह के समय सिरदर्द उलटी के साथ, सिरदर्द के प्रकार एवं तीव्रता में अचानक परिवर्तन, दृष्टि बाधिता, जिसमें कि चश्मे के नम्बर में बार-बार बदलाव होना, बार-बार उलटी होना, आंखों की पुतलियों की चाल में कमजोरी या दो-दो दिखना, हाथ-पैर में लकवा आना, अभाष्यता, मिर्गी का दौरा पडऩा, चलने-फिरने में असंतुलन, स्मृति लोप, व्यक्तिगत व्यवहार में परिवर्तन, अचानक बेहोश हो जाना भी हो सकता है। ऐसे किसी भी लक्षण के होने पर तुरंत न्यूरो सर्जन की सलाह लें। ऐसे किसी भी लक्षण को अनदेखा कतई न करें। सुपर स्पेशलिटी के न्यूरो सर्जन डॉ पीयूष पंचारिया के अनुसार आम जिंदगी में दिखने वाले लक्षणों को अनदेखा करने के कारण यह बीमारी गंभीर रूप से सामने आती है। ब्रेन ट्यूमर के किसी भी लक्षण को सामान्य में न लें, तुरंत उचित न्यूरो सर्जरी परामर्श लें, ताकि समय रहते उचित उपचार दिया जाकर गंभीर परिणामों से बचा जा सके।
पूर्ण उपचार संभव है
जल्दी पहचान और सही उपचार मिलने पर इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है। डॉक्टर पीयूष पंचारिया ने बताया कि मरीज की आयु, ट्यूमर के लक्षण, उसके आकार एवं एमआरआई, हिस्टो पैथोलॉजी की रिपोर्ट के आधार पर सर्जरी, गामा नाइफ, रेडियोथेरेपी अथवा कीमोथेरेपी कर इलाज करते हैं। ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए कंट्रास्ट एमआरआई की जांच प्रमुख होती है एवं उसमें परिवर्तन अनुसार आगे सीटी स्कैन, ब्रेन एंजियोग्राफी, फंक्शनल एमआरआई, पेट स्कैन आदि जांचें एवं कुछ खून की जांचें, जिसमें हॉर्मोन प्रोफाइल, सीरम ट्यूमर मार्कर्स आदि प्रमुख हैं।
हाईलाइट
– हर वर्ष ब्रेन ट्यूमर से पूरे विश्व में लगभग ढाई लाख मौत होती हैं।
– ब्रेन ट्यूमर विश्व में मृत्यु का 10वां सबसे बड़ा कारक है।
– एक व्यक्ति को पूरे जीवनकाल में कैंसर वाला ब्रेन ट्यूमर होने के 1 प्रतिशत से भी कम सम्भावना रहती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved