इंदौर (Indore)। इंदौर की जिला कोर्ट में सरकार की ओर से प्रकरणों में पैरवी के लिए लंबे समय से जीपी (लोक अभियोजक) और एबीपी (अतिरिक्त लोक अभियोजक) की नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। अब तीसरी बार इन पदों के लिए आगामी 15 जून तक वकीलों से आवेदन मंगाए गए हैैं। इस संबंध में जिला जज द्वारा पत्र जारी किया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में हर जिला कोर्ट में चल रहे मामलों में शासन की ओर से पैरवी के लिए मध्य प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा जीपी और एजीपी की नियुक्ति निश्चित समय अवधि के लिए की जाती है। इंदौर में कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद विगत कई वर्षों से यहां नई नियुक्तियां खटाई में पड़ी हुई है। इसके लिए पहले भी दो बार (तीन फरवरी 2021 और 15 सितंबर 22 को) इच्छुक वकीलों से आवेदन मंगवाए गए थे। इसके बावजूद उक्त पदों के लिए नई नियुक्तियां नहीं की जा सकी।
अब फिर से गत 1 जून 2023 को जिला जज द्वारा इंदौर अभिभाषक संघ को पत्र जारी कर इन पदों के लिए इच्छुक वकीलों से आवेदन मंगाए गए हैं। आगामी 15 जून तक ये आवेदन नए प्रारूप में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि उक्त पदों के लिए जिन वकीलों ने पूर्व में आवेदन दे दिए हैं उन्हें फिर से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है. इंदौर के अलावा महू (डा आंबेडकर नगर) और देपालपुर के लिए भी उक्त आवेदन मंगाए गए हैं।
अटक गई लिस्ट
जानकर सूत्रों का कहना है कि इंदौर के जीपी और एजीपी की लिस्ट बन गई थी, घोषित भी होने वाली थी, लेकिन इसमें कतिपय नामों पर आपत्ति के कारण अटक गई। इसके चलते अब फिर से यह प्रक्रिया की गई है. हालांकि इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए जल्द ही आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में यदि यह प्रक्रिया लंबी चली तो नई सूची पुन: खटाई में पड़ सकती है। गौरतलब है कि वर्तमान में इंदौर में 12 एजीपी कार्य कर रहे हैं जबकि हाईकोर्ट के आदेश पर विमल कुमार मिश्रा लोक अभियोजक का कार्य देख रहे हैं।
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