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Train Accident: संदिग्ध मामलों में परिजनों को शव सौंपने से पहले होगी DNA जांच

June 06, 2023

नई दिल्ली (New Delhi)। ओडिशा सरकार (Government of Odisha) ने शवों की पहचान (identification of dead bodies) को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों (doubtful cases ) में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों (real relatives) को सौंपने से पहले डीएनए नमूने (DNA sampling) लेना शुरू किया।

बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया। शव के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था। राज्य सरकार यह तय करने में असमर्थ हो गई कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया।

एक अधिकारी ने बताया कि डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे। हमें संदेह है कि रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों को लेकर झूठे दावे कर सकते हैं।


भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) सहायता केंद्र के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि परिवार के सदस्य, रिश्तेदार या दोस्त जो बालासोर ट्रेन दुर्घटना (Balasore train accident) मामले में शवों की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं, डीएनए नमूने की जांच के लिए +918280346629 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एम्स भुवनेश्वर में एक डीएनए जांच केंद्र इसके लिए कार्य कर रहा है। परिवार के सदस्य डीएनए जांच के लिए नमूने दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर डीएनए के नमूने मेल खाते हैं, तभी प्रमाणित व्यक्ति को शव सौंपा जाएगा।

इस बीच, भुवनेश्वर एम्स के अधिकारियों को एक ऐसी घटना का पता चला, जिसमें कटक जिले के बदांबा क्षेत्र की एक महिला ने एक शव पर दावा किया था। वह बिना रुके रोती हुई पाई गई, लेकिन जब अधिकारियों ने बडंबा में पुलिस से संपर्क किया, तो उन्हें पता चला कि इलाके का कोई भी व्यक्ति किसी भी ट्रेन में यात्रा नहीं कर रहा था। चिकित्सा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने कहा कि जब तक हमने पुलिस को बुलाने का फैसला किया तब तक महिला हमारे संदेह की पुष्टि करते हुए निकल चुकी थी। बाद में विवादों से बचने के लिए एहतियात के तौर पर शवों को प्राप्त करने वाले रिश्तेदारों की तस्वीरें और वीडियो भी लिए गए।

लावारिस शवों की डीएनए जांच की जाएगी: पीके जेना
ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि सरकार दुर्घटना के 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार करने से पहले लावारिस शवों की डीएनए जांच भी कराएगी। जेना ने कहा कि कानून के मुताबिक, सरकार 48 घंटे के बाद लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर सकती है। लेकिन हम उन्हें और समय के लिए रख रहे हैं ताकि अलग-अलग राज्यों से उनके परिवार आ सकें। ऐसे मामलों में जिसमें रिश्तेदार शवों का दावा करने नहीं आते हैं, हम भविष्य में उपयोग के लिए डीएनए नमूने रखने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर देंगे।

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