नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय रेलवे (Indian Railways) के सुरक्षा पर खर्च (security expenses) को लेकर कुछ हलकों की ओर से कैग रिपोर्ट (CAG report ) का हवाला दिए जाने के जवाब में सरकारी सूत्रों ने सोमवार को कहा कि रिपोर्ट की चुनिंदा जानकारी का इस्तेमाल गलत ढंग से किया जा रहा है। रेलवे जल्द ही इस पर संसद (Parliament) में जवाब (Railways answer detail ) देगा।
शीर्ष सूत्रों ने कहा, सुरक्षा से जुड़े कामों समेत भारतीय रेलवे की सभी परियोजनाओं पर होने वाला खर्च तीन प्रमुख स्रोतों से वित्तपोषित होता है। सकल बजटीय समर्थन, भारतीय रेलवे की आंतरिक अर्जित राशि और बाहरी उधारी वित्त पोषण के लिए तीन प्रमुख स्रोत हैं। सरकार ने महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए 2017 में एक समर्पित गैर-व्यपगत निधि, राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (आरआरएसके) की स्थापना की थी। इसमें 2017-18 से पांच वर्षों की अवधि में उपयोग करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की सीमा तय की गई थी।
रेल मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 से 2021-22 की अवधि में, रेलवे ने आरआरएसके कार्यों पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। फरवरी 2022 में, केंद्र सरकार ने 2022-23 से आरआरएसके की वैधता को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया। सूत्रों के मुताबिक भारतीय रेलवे में पटरी से उतरने पर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की 2022 की रिपोर्ट संख्या 22 को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद में पेश किया गया था। रेल मंत्रालय जल्द ही रिपोर्ट के निष्कर्षों पर विस्तार से जवाब देगा।
यूपीए शासन के मुकाबले बीते नौ साल में सुरक्षा पर खर्च हुआ 8.26 लाख करोड़
आंकड़ों की मानें तो रेलवे में सुरक्षा पर बीते नौ साल में 8.26 लाख करोड़ रुपये खर्च हुआ। यह 2005 से 2014 तक यूपीए सरकार के शासन में खर्च हुए कुल 1.64 लाख करोड़ रुपये से पांच गुणा अधिक है। यही नहीं भारतीय रेलवे में पटरी नवीनीकरण पर 2014-15 से 2023-24 के दौरान 1,09,023 करोड़ रुपये खर्च हुआ। जो 2004-05 से 2013-14 के बीच खर्च हुए 47,039 करोड़ रुपये से दोगुना है।
पटरियों के नवीनीकरण के लिए धन आवंटन में हुई वृद्धि
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सुरक्षा घटक के हिस्से के रूप में पटरी नवीनीकरण के लिए 2017-18 से 2021-22 के बीच धन आवंटन में वृद्धि हुई है। 2017-18 में 8,884 करोड़ रुपये से पटरी नवीनीकरण पर खर्च 2020-21 में बढ़कर 13,522 करोड़ रुपये और 2021-22 में 16,558 करोड़ रुपये हो गया।
कैग रिपोर्ट में बयां की गई आंशिक तस्वीर
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में आरआरएसके के उपयोग का कवरेज, तीन वर्षों – 2017-18, 2018-19 और 2019-20 तक सीमित है। इसलिए, यह भारतीय रेलवे की ओर से पटरी नवीनीकरण और साथ ही सुरक्षा संबंधी कार्यों पर किए गए वास्तविक व्यय पर एक आंशिक तस्वीर पेश करती है। इसलिए इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
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