रामेश्वर धाकड़
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी विधानसभा वंशवाद और परिवारवाद पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। इसको लेकर पार्टी के शीर्ष स्तर पर मंथन हो चुका है और एक फार्मूला भी तैयार है। इसे प्रयोग के तौर पर भाजपा के गढ़ माने जाने वाले मप्र से विधानसभा चुनाव में अपनाया जा सकता है। जिसके तहत चुनाव में किसी भी नेता के बेटा-बेटी या अन्य किसी परिजन को सीधा टिकट नहीं मिलेगा। इसकी वजाए संगठन दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी को खड़ा करने के लिए भाजपा की नर्सरी भाजयुमो से निकले नेताओं को चुनाव में अवसर देने पर विचार करेगी।
संगठन के संज्ञान में आया है कि मप्र में पिछले 18 साल में भाजयुमो के नेताओं को उतना आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है, जितना होना चाहिए। मप्र का मौजूदा नेतृत्व भी पूर्व भाजयुमो से निकला है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने खड़ा किया था। मप्र में मंत्री कमल पटेल के बाद सिर्फ विश्वास सारंग को विधायक का चुनाव लड़ाया गया। हालांकि पार्टी में बताते हैं कि विश्वास सारंग को युवा मोर्चा की वजह से नहीं बल्कि उनके पिता की वजह से टिकट मिला था। जबकि धीरज पटैरिया, जीतू जिराती, अमरदीप मौर्य, अभिलाष पांडे मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं, इनमें से किसी को टिकट नहीं मिला। हालांकि जीतू जिराती मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष बनने से पहले ही विधायक बन गए थे। संगठन सूत्रों ने बताया कि पार्टी अगले चुनाव में युवा मोर्चा को चुनाव में उतारने पर जोर देने जा रही है। हालांकि अभी इसको लेकर किसी तरह का अधिकृत फैसला नहीं हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी का मानना है कि भाजपा में हमेशा युवा मोर्चा को ही आगे किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में युवा मोर्चा को सिर्फ चुनाव प्रचार तक सीमित रखा है। संगठन सूत्रों के अनुसार राजनीति में नई पीड़ी खड़ा करने के लिए भाजपा अब युवा मोर्चा पर फोकस कर रही है। इसके लिए बाकायदा युवा मोर्चा से निकले चेहरों को तलाश किया जा चुका है।
युवा मोर्चा के अध्यख रहे और मुख्यमंत्री बने
युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे शिवराज सिंह चौहान मप्र के मुख्यमंत्री हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर, प्रहलाद पटेेल और कैलाश विजयवर्गीय भी उनकी टीम के हिस्सा थे। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी मोर्चा की राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष रहीं हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस भी युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं।
ये बने केंद्रीय मंत्री
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान, प्रहलाद पटेल, गजेंद्र सिंह शेखावत, विजय गोयल और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य नेता मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे हैं।
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