नई दिल्ली (New Delhi)। हरियाणा के कुरुक्षेत्र (Kurukshetra of Haryana) में आज एक और खाप पंचायत (Khap Panchayat) का आयोजन होने जा रहा है। मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के सोरम में गुरुवार को हुई सर्वखाप व सर्व समाज की पंचायत में पहलवानों को लेकर फैसला नहीं सुनाया गया। अब शुक्रवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होने वाली पंचायत में पहलवानों के लिए अहम फैसला सुनाया जाएगा।
इसकी अध्यक्षता सूबे सिंह समैण करने वाले हैं। इससे पहले गुरुवार को मुजफ्फरनगर में हुई खाप महापंचायत में फैसला सुरक्षित रख लिया गया। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के बीच भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए यह महापंचायत बुलाई गई थी। आज होने वाली बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा था जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के लिए समय मांगा जाएगा। उनसे भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले पहलवानों के लिए न्याय मांगी जाएगी। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगा।
नरेश टिकैत बालियान खाप के मुखिया हैं। मुजफ्फरनगर के महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के खाप नेताओं ने भाग लिया। महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि खाप शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में एक और बैठक करेंगे। जहां और फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि खापों के प्रतिनिधि पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रपति और सरकार से मिलेंगे और न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखेंगे।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन को अब तक भाजपा के तीन सांसदों का समर्थन मिल चुका है। इन सांसदों में मेनका गांधी, महाराष्ट्र से प्रीतम मुंडे और हरियाणा से ब्रजेंद्र सिंह शामिल हैं। मेनका गांधी ने पहलवानों को न्याय का भरोसा दिलाया है। श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि उन्हें अंत में न्याय मिलेगा। इससे पहले मुंडे ने कहा था कि आंदोलन को अनदेखा करना कहीं से भी सही नहीं है। चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो। वहीं, ब्रजेंद्र सिंह ने इस विरोध-प्रदर्शन को दुखद बताया है।
मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया व एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अपने पदकों को गंगा में प्रवाहित करने समर्थकों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी पहुंचे, हालांकि, खाप और किसान नेताओं द्वारा उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए पांच दिन का समय मांगे जाने के बाद वे मान गए। उन्होंने अपना फैसला बदल लिया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved