नई दिल्ली । दिल्ली की एक अदालत ने (By A Delhi Court) गुरुवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में आरोपी (Delhi Excise Policy Scam Accused) अरबिंदो समूह के शरत चंद्र रेड्डी (Sharat Chandra Reddy of Arbindo Group) को सरकारी गवाह बनने की (To be an Official Witness) अनुमति दे दी (Allowed) । वह सरकारी गवाह बनने वाला दूसरा शख्स है। पिछले साल नवंबर में शराब कारोबारी और मामले में आरोपी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में रेड्डी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए यह और मुश्किलें खड़ी कर सकता है। रेड्डी ने अपने वकील के माध्यम से राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की थी जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया था कि उन्हें सरकारी गवाह बनने दिया जाए। अदालत ने इसकी अनुमति दी और मामले में उन्हें माफ भी कर दिया।
ईडी ने पूरक आरोपपत्र में दावा किया था कि कारोबारी और आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर ने पार्टी नेताओं की ओर से साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। साउथ ग्रुप के प्रमुख व्यक्ति मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुन्टा शरत रेड्डी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता हैं।
ईडी ने उल्लेख किया है कि दिनेश अरोड़ा ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी फंड के संग्रह के रूप में सिसोदिया को 82 लाख रुपये दिए। ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। ईडी ने मामले में एक मुख्य आरोपपत्र और चार पूरक आरोपपत्र दाखिल किए हैं। शरत चंद्र रेड्डी को ईडी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था।
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