नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था के र्मोचे (economy front) पर झटका लगने वाली खबर है। देश (country) के आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार (growth of eight basic industries) अप्रैल महीने में सुस्त पड़ कर 3.5 फीसदी (slowing down to 3.5 percent) रह गई है। यह आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि का छह महीने का निचला स्तर है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार 3.5 फीसदी रही। मार्च, 2023 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 3.6 फीसदी रही थी। पिछले साल इसी अवधि में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 9.5 फीसदी बढ़ा था।
आंकड़ों के मुताबिक मुख्य रूप से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और बिजली का उत्पादन घटने की वजह से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि सुस्त पड़ी है। यह बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की अक्टूबर, 2022 के बाद सबसे सुस्त रफ्तार है। उस समय बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.7 फीसदी बढ़ा था।
मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल में कोयले का उत्पादन सालाना आधार पर 9 फीसदी बढ़ा है। वहीं, उर्वरक के उत्पादन में 23.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इसी तरह इस्पात का उत्पादन 12.1 फीसदी और सीमेंट का उत्पादन 11.6 फीसदी बढ़ा है। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल का उत्पादन 3.50 फीसदी, प्राकृतिक गैस का उत्पादन 2.8 फीसदी, रिफाइनरी का उत्पादन 1.5 फीसदी और बिजली का उत्पादन 1.4 फीसदी गिरा है।
गौरतलब है कि देश के आठ बुनियादी उद्योगों की औद्योगिक उत्पादन के कुल सूचकांक में 40.27 फीसदी की हिस्सेदारी होती है।
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