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    ई-रिक्शा के लिए शहर में बनेंगे अलग-अलग जोन

  • May 30, 2023

    • तय जोन के बाहर नहीं चल सकेगी कोई ई-रिक्शा… ई-रिक्शा के किसी भी मार्ग पर चलने और ओवर लोडिंग रोकने को लेकर परिवहन विभाग ने बनाई योजना

    इंदौर, विकाससिंह राठौर। शहर में जल्द ही बेतरतीब घूमते ई-रिक्शा पर लगाम लगेगी। इनके संचालन के लिए शहर में अलग-अलग क्षेत्रवार जोन बनाए जाएंगे। ई-रिक्शा इन्हीं जोन में चल सकेंगे। इनके बाहर इन्हें संचालन की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए परिवहन विभाग योजना तैयार कर रहा है, जिसे जिला प्रशासन से मंजूर कराकर लागू किया जाएगा।

    उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लोक परिवहन में इलेक्ट्रिक (बैटरी चलित) वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन्हें परमिट से मुक्त रखा गया है, साथ ही ऐसे वाहनों को टैक्स में भी छूट दी जाती है। शासन की इस योजना के बाद शहर में चार हजार से ज्यादा ई-रिक्शा हो चुके हैं, जो कहीं भी किसी भी मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी खराब हो रही है। ऐसे वाहनों के लिए परमिट से छूट होने के कारण इन्हें किसी रूट पर चलने के लिए बाध्य भी नहीं किया जा सकता है। इसे देखते हुए अब परिवहन विभाग ने इन्हें जोन में संचालित करने को लेकर योजना बनाना शुरू किया है, जो जिला प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कर सकता है।

    ऐसे होंगे ई-रिक्शा के जोन
    परिवहन अधिकारियों ने बताया कि अगर ई-रिक्शा के लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों को जोन के रूप में घोषित करते हुए उन्हें उसी क्षेत्र में संचालन की अनुमति दी जाती है तो वे उस क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकेंगे और बाकी क्षेत्रों और सडक़ों का ट्रैफिक बाधित नहीं होगा। जैसे अगर ई-रिक्शा के लिए एक जोन बनाया जाता है, राजबाड़ा जोन तो इसमें राजबाड़ा, खजूरीबाजार, सराफा, बर्तन बाजार, यशवंत निवास रोड, शिवविलास पैलेस से लगे बाजारों को जोड़ा जाएगा। ये रिक्शा इनके अलावा बाहर नहीं जा सकेंगे।

    51 रूट तय, लेकिन इनका पालन मुश्किल
    शहर में ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के लिए लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद पिछले साल जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और एआईसीटीएसएल ने मिलकर ई-रिक्शा के लिए शहर के 51 रूट तय किए थे, लेकिन इन्हें आज तक लागू नहीं किया जा सका है। इसे लागू करने में सबसे बड़ी अड़चन यह है कि ई-रिक्शा परिवहन विभाग से परमिट ही नहीं लेते हैं जो इन्हें तय रूट का परमिट दिया जाए और शासन ने इन्हें परमिट से मुक्त रखा है, इसलिए इन्हें इसके लिए बाध्य भी नहीं किया जा सकता है। लेकिन जिला स्तर पर कलेक्टर किसी भी लोक परिवहन वाहन को किसी क्षेत्र विशेष में चलने या ना चलने का नियम बना सकता है, इसलिए जोन बनाकर इनका संचालन करवाना ज्यादा आसान है।


    रिक्शा संचालकों से भी मांगे सुझाव
    पिछले दिनों भगवा ऑटो रिक्शा चालक संघ द्वारा शहर में ई-रिक्शा के लिए रूट तय किए जाने और ओवरलोडिंग रोकने सहित अन्य मुद्दों पर हड़ताल की गई थी। इसके बाद विधायक रमेश मेंदोला ने कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से चर्चा करते हुए इसके समाधान का रिक्शा संचालकों को आश्वासन दिया था। इसके बाद रिक्शा संचालकों ने आरटीओ प्रदीप शर्मा से मुलाकात की थी। आरटीओ ने चर्चा में ई-रिक्शा के लिए जोन बनाए जाने की जानकारी देते हुए रिक्शा चालकों से भी सुझाव मांगे, जिस पर अंतिम योजना बनाते वक्त विचार किया जा सके।

    ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति
    परिवहन अधिकारियों का कहना है कि परमिट से छूट होने के कारण ई-रिक्शा कहीं भी चल रहे हैं। इससे शहर के मुख्य बाजारों से लेकर मुख्य सडक़ों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। अगर इनके संचालन के लिए जोन बनाए जाते हैं तो ये वहीं चल पाएंगे और इनसे ट्रैफिक बाधित नहीं होगा।

    तय जोन के बाहर नहीं चल सकेंगे ई-रिक्शा
    शहर में ट्रैफिक को लेकर लगातार परेशानी की बातें सामने आ रही हैं। ई-रिक्शा को लेकर कई शिकायतें भी हैं। इनके लिए पहले 51 रूट तय किए गए हैं, लेकिन उन पर इनका संचालन करवाना मुश्किल है। इसलिए इनके संचालन के लिए शहर में अलग-अलग जोन बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे ये तय जोन के बाहर नहीं चल सकेंगे। – प्रदीप शर्मा, आरटीओ, इंदौर

    ऑटो रिक्शा और वैन चालकों की दादागिरी के खिलाफ अब ई-रिक्शा की हड़ताल
    शहर में रिक्शा हड़ताल के बाद आज ई-रिक्शा चालक भी हड़ताल पर उतर गए हैं। ई-रिक्शा चालकों ने रिक्शा चालकों और वैन व मैजिक चालकों पर दादागिरी करते हुए सवारियां ना बैठाए जाने के खिलाफ यह हड़ताल की है। हड़ताल के तहत ई-रिक्शा चालक काम बंद करते हुए चिमनबाग पर इकट्ठा हुए। ई-रिक्शा चालकों के संगठन हिंदू सेना के प्रमुख अंकित शर्मा ने बताया कि ई-रिक्शा नियमानुसार अपना संचालन करती है, लेकिन ऑटो रिक्शा और वैन व मैजिक चालक उन्हें धमकाते हुए सवारियां नहीं बैठाने देते हैं और कहते हैं कि उनके पास परमिट है। इसलिए उनकी मांग है कि उन्हें भी रिक्शा की तरह सिटी परमिट दिए जाएं।

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