कर्नाटक। कर्नाटक में 20 मई को कांग्रेस की सरकार बनी। सिद्धारमैया ने सीएम तो डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। अब एक हफ्ते बाद शनिवार को सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार किया गया। बेंगलुरु में राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 24 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलवाई। कर्नाटक कैबिनेट में अब 34 मंत्री हो गए है। हालांकि, दूसरी ओर जिन्हें इस कैबिनेट में शामिल नहीं किया है, उनके समर्थकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
कहा जा रहा है कि कैबिनेट में शामिल नहीं करने पर कुछ नेता नाराज हो गए हैं। वहीं, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने मायूस नेताओं को सब्र करने को कहा है। इससे पहले, सिद्धारमैया ने संकेत दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान विभिन्न जाति समूहों और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखा जाएगा।
इन लोगों को नहीं मिला पद
कर्नाटक चुनाव में बड़ी जीत के बाद शनिवार को कैबिनेट का विस्तार हुआ। बेंगलुरु स्थित राजभवन में जिन 24 विधायकों को मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, उनमें विधायक रुद्रप्पा लमानी और लक्ष्मण सावदी का नाम नहीं है। इसे लेकर, इन नेताओं के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। उनके समर्थक उनके लिए कैबिनेट में मंत्री पद की मांग कर रहे हैं।
वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद के सदस्य बीके हरिप्रसाद ने भी कैबिनेट सीट नहीं मिलने पर निराशा व्यक्त की थी। कैबिनेट विस्तार के दौरान वरिष्ठ नेता एम कृष्णप्पा और उनके विधायक बेटे प्रिया कृष्णा को भी पार्टी ने नजरअंदाज किया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
दलबदलू नेता हैं सावदी
बता दें, हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण सावदी ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अब कर्नाटक सरकार ने बेलगावी जिले के लिंगायत नेता सावदी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी है। इसी को लेकर, उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला। समर्थकों ने कहा कि कांग्रेस को जिले में अगर जीत मिली है तो इसमें सावदी का बड़ा हाथ है। उन्होंने पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समर्थकों ने साधा निशाना
एक समर्थक ने सिद्धारमैया को निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि आप ने ही बोला था कि लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को नई ताकत मिली है। सावदी बेलगावी जिले में कांग्रेस की अधिक सीटें जीतने का कारण हैं। इसके बावजूद, आप उन्हें आसानी से भूल गए।
सिद्धराजयोगेंद्र स्वामी ने भी समर्थन किया
प्रमुख लिंगायत पुजारी गुरु सिद्धराजयोगेंद्र स्वामी ने भी सावदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सावदी के शामिल होने से सत्ता पक्ष को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी अनुभवी और अच्छे स्वभाव वाले राजनेता हैं। उन्हें कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए थी। अगर सावदी को कैबिनेट में शामिल किया जाता है तो इससे पार्टी को फायदा होगा।
राज्य मंत्री ने कहा पार्टी गौर करेगी
वहीं, राज्य मंत्री सतीश जरकिहोली ने भी कहा कि एक वरिष्ठ नेता के रूप में सावदी को समायोजित किया जाना चाहिए था। वह लिंगायत समुदाय के एक वरिष्ठ नेता भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि कैबिनेट के जाति-वार वितरण के कारण वह चूक गए। पार्टी इस पर गौर करेगी।
शिवकुमार ने दिया दिलासा
इस बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मायूस नेताओं से कहा कि मुझे दिवंगत धर्म सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान कैबिनेट में शामिल होने का कोई अवसर नहीं मिला था। लेकिन मैंने अपना धैर्य नहीं खोया। इसी तरह, जिन्हें कैबिनेट में अभी जगह नहीं मिली है, उन्हें धैर्य रखना चाहिए।
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