वॉशिंगटन। ऋण संकट से जूझ रहा अमेरिका दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया था लेकिन अब लग रहा है कि जल्द ही अमेरिका इस संकट से उबर जाएगा। दरअसल राष्ट्रपति जो बाइडन और रिपब्लिकन सांसद और अमेरिका कांग्रेस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी के बीच ऋण सीमा को लेकर लगभग समझौता हो गया है। इस समझौते के तहत ऋण सीमा को बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर करने पर सहमति बन गई है। इसके साथ ही अमेरिका में करीब एक महीने से चल रही खींचतान भी खत्म हो जाएगी।
जो बाइडन और केविन मैक्कार्थी के बीच 90 मिनट हुई बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी दोनों शीर्ष नेताओं के बीच पूरी तरह समझौता नहीं हुआ है लेकिन लगभग सहमति बन गई है। कुछ चीजों पर को लेकर अभी भी बात हो रही है और जल्द ही दोनों नेता समझौते पर अंतिम मुहर लगा देंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार शाम में राष्ट्रपति बाइडन और केविन मैक्कार्थी के बीच 90 मिनट तक फोन पर बात हुई।
इस डील के होने से आर्थिक संकट से जूझ रहे अमेरिका को राहत मिलेगी। बता दें कि अगल जल्द ही ऋण सीमा को लेकर समझौता नहीं होता तो अमेरिका का खजाना खाली हो सकता था, जिससे अमेरिका के दिवालिया होने का खतरा था। इसका ना सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता।
क्या है ऋण सीमा विवाद
अमेरिका सरकार कानूनी रूप से अपने खर्चों और दायित्वों को पूरा करने के लिए ऋण लेती है। अमेरिका की संसद ने कानून बनाकर इस कर्ज को लेने की सीमा तय की हुई है, जिसे ऋण सीमा (Debt Ceiling) कहा जाता है। अमेरिका संविधान के अनुसार कांग्रेस को सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार दिया गया है। बिना कांग्रेस की मंजूरी के सरकार तय ऋण सीमा से अधिक कर्ज नहीं ले सकती। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ऋण सीमा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे, जिसकी वजह से विवाद बना हुआ था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved