इस्लामाबाद (Islamabad)। जिन तालिबानियों (Taliban) को पालने में पाकिस्तान (Pakistan) ने पोषक का काम किया था, अब वही तालिबान पाक को खून के आंसू रुला रहा है। पाकिस्तान में आए दिन तालिबान आतंकी हमले करके दहशत (Panic by terrorist attack) का कारण बन चुका है। अब तालिबान का तांडव पाकिस्तान से होते हुए ईरान (Iran) तक पहुंच गया है। अफगानिस्तान और ईरान की सीमा (Afghanistan and Iran border) पर अब तालीबानियों का तांडव जारी है। ताजी घटना में ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक सीमा पुलिस स्टेशन के पास सशस्त्र संघर्ष के दौरान दो ईरानी सीमा रक्षकों और एक तालिबान लड़ाके की मौत हो गई है।
ईरान की आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी और तालिबान के आंतरिक मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर शनिवार सुबह ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत और निमरोज प्रांत की सीमा पर पुलिस थाने के पास फायरिंग करने का आरोप लगाया। झड़प का कारण अभी तक ज्ञात नहीं है और काबुल में ईरानी दूतावास और अफगानिस्तान के तालिबान द्वारा संचालित कार्यवाहक राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने तनाव के कारणों की जांच के लिए पत्राचार और फोन कॉल शुरू कर दिए हैं। आईआरएनए और तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, संघर्षों में नागरिकों सहित दोनों पक्षों के कई अन्य लोग भी घायल हुए।
ईरान-अफगान की सीमा पर चले तोप
ईरान की अर्ध-आधिकारिक तस्नीम एजेंसी के अनुसार, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ हल्के और अर्ध-हल्के हथियारों और तोपखाने का इस्तेमाल किया, लेकिन ईरानी पक्ष द्वारा मिसाइल का इस्तेमाल नहीं किया गया, जैसा कि कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है। तेहरान और काबुल के बीच 1973 की एक संधि के तहत अफगानिस्तान में हेलमंड के रूप में जानी जाने वाली हिरमंड नदी से ईरान के पानी के हिस्से को लेकर पिछले हफ्तों के दौरान दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ गया है।
गुरुवार को अपनी टिप्पणी में, ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान की कार्यवाहक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है और देश में एक समावेशी सरकार के गठन पर जोर देता है। तालिबान सरकार ने भी पिछले हफ्ते एक बयान जारी किया था, इसमें कहा गया था कि ईरान द्वारा पानी के लिए लगातार अनुरोध और मीडिया पर टिप्पणियां हानिकारक हैं।
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