नई दिल्ली (New Delhi) । मणिपुर (manipur) में हिंसा (violence) के बाद से म्यांमार सीमा (Myanmar border) पर घुसपैठ की कोशिश तेज हुई है। खुफिया एजेंसियों (intelligence agencies) को मिली जानकारी के मुताबिक म्यांमार की तरफ सीमावर्ती इलाकों में मौजूद उग्रवादी गुट घुसपैठ कराने की मुहिम में जुटे हैं।
असम राइफल्स के अलावा अन्य सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां लगातार सीमावर्ती इलाकों पर नजर बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किलोमीटर की बिना बाड़ वाली सीमा है, जो ड्रग्स, सोना, विदेशी जानवरों और अन्य वर्जित वस्तुओं की तस्करी का मुख्य स्रोत है, लेकिन जब से मणिपुर में अलग समुदायों के बीच हिंसा हुई है। कई उग्रवादी गुट स्थिति का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हैं।
सुरक्षा मामलों के जानकार सीमा सुरक्षा बल के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा का कहना है कि मणिपुर हिंसा ने लंबे समय से कायम शांति को झटका दिया है। घुसपैठ की सूचना कई स्रोतों से एजेंसियों को मिली है। आने वाले दिनों में यह राज्य की शांति के लिए और खतरा पैदा कर सकता है।
जानकारों का कहना है कि मणिपुर में हुई हिंसा के चलते पूरे पूर्वोत्तर में शांति की कवायद को लेकर आशंका बढ़ी है। खासतौर पर नगालैंड को लेकर सुरक्षा विशेषज्ञ अपनी चिंताएं जाहिर कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने शांति के लिए कई स्तरों पर पहल की है। इसका असर आने वाले दिनों में नजर आएगा।
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