पटना: देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर पटना में राज्यपाल राजेंद्र विश्व नाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए नीति आयोग की बैठक में नहीं जाने के बारे में बताया. उन्होंने इसके लिए अपने व्यस्त कार्यक्रमों का हवाला दिया. हालांकि, उन्होंने अन्य चार राज्यों के इसमें शामिल नहीं होने को लेकर भी सवाल उठाए.
सीएम नीतीश ने कहा, नीति आयोग की बैठक की जब सूचना मिली थी तो हमने कह दिया था कि इस दिन हमारा कार्यक्रम है. हमने अपने प्रतिनिधि के बारे में कहा था, लेकिन उन लोगों ने नहीं माना. सीएम नीतीश ने कहा कि अगर मैं बैठक में जाता तो विशेष राज्य के दर्जे के बारे में पूछता. यह भी पूछता कि विशेष सहायता का क्या हुआ, अगर विशेष का दर्जा मिलता है तो निश्चित तौर पर बिहार और विकास करता.
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हमारा व्यस्त कार्यक्रम था, इसलिए हम नहीं गए. लेकिन, पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी नहीं जा रहे हैं, अब बताइए इसका क्या मतलब समझा जाए. बता दें कि हाल में ही जी-20 की तैयारी को लेकर सर्वदलीय बैठक में बिहार के तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित आरजेडी के किसी भी नेता ने शिरकत नहीं की. इसको लेकर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दो बार धोखा दिया है.
बहरहाल, राजनीति के आरोप-प्रत्यारोप से इतर हकीकत भी यही है कि नीतीश कुमार हाल के दिनों में पीएम मोदी का सामने करने से बचते हुए दिख रहे हैं और उनकी बैठकों से कतरा कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया था, लेकिन उनके शपथ ग्रहण समारोह और उनके सम्मान में आयोजित भोज में शामिल होने नीतीश कुमार दिल्ली नहीं गए थे.
इसके पहले भी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में शामिल होने भी बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं गए थे. 2022 के अगस्त महीने में हुई नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं गए थे. इसके बाद समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन के समय जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आने वाले थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना प्रोग्राम कैंसिल कर दिया था.
हाल में ही जी-20 की तैयारी को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. अब एक बार फिर उन्होंने नीति आयोग की बैठक से किनारा कर लिया. इस रुख से उन्होंने साफ कर दिया है कि वह किसी भी हाल में नरेन्द्र मोदी का सामना नहीं करना चाहते हैं. नीतीश कुमार के इस रुख को सुशील मोदी ने अहंकारपूर्ण व्यवहार राजनीतिक जीवन में अनुचित करार देते हुए पूछा है कि पीएम मोदी के बिहार आने पर क्या मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल के अनुसार पीएम का स्वागत करने भी नहीं जाएंगे?
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