चंडीगढ़ (Chandigarh)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar) इन दिनों गांवों की यात्रा पर निकले हुए हैं। जनसंवाद कार्यक्रम (mass communication program) के तहत वे विभन्न विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले गांवों में लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और वहीं रात्रि विश्राम भी कर रहे हैं।
इसी दौरान शुक्रवार को खट्टर महेंद्रगढ़ जिले के गांवों के भ्रमण पर थे, जहां उनके कार्यक्रम में बवाल हो गया। हरियाणा सीएम के एक ऐलान से दूसरे गांव के लोग इतने नाराज हुए कि उन्होंने उस घर का ही घेराव कर डाला, जहां वे रात्रि विश्राम के लिए रूके थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सिहमा गांव में कार्यक्रम कर बगल के गांव दोगड़ा अहीर पहुंचे। उन्हें रात्रि विश्राम यहीं करना था। तय कार्यक्रम के मुताबिक, स्थानीय ग्रामीण उनका स्वागत करते और फिर उनके साथ बैठक होने थी। लेकिन स्वागत तो दूर ग्रामीण मुख्यमंत्री के विरोध में सड़क पर उतार आए और उनके आवास का घेराव कर दिया। खट्टर करीब चार घंटे तक घर में बंधक वाली स्थिति में रह रहे।
मामला यह है कि शुक्रवार को जनसंवाद कार्यक्रम के तहत सीएम मनोहर लाल खट्टर महेंद्रगढ़ जिले के सिहमा गांव पहुंचे थे। यहां लोगों ने उनसे गांव को उप तहसील का दर्जा देने की मांग कर दी। ग्रामीणों के साथ मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंन इसका ऐलान कर दिया। इस बात की जानकारी जब बगल के गांव दोगड़ा अहीर तक पहुंची, तो वहां के लोग नाराज हो गए। खट्टर का अगला कार्यक्रम यहीं होना था, लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री के विरोध करने का फैसला लिया।
ग्रामीणों के तीखे विरोध और उनके जिद को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपना फैसला बदलना पड़ा। देर रात उन्होंने गांव के कुछ लोगों को मिलने का बुलावा भेजा। फिर ग्रामीणों के प्रतिनिधियों और खट्टर के बीच बातचीत में सुलह हुई। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने इस गड़बड़ी का सारा ठीकरा अफसरों पर फोड़ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सही फिजिबिलिटी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई। खट्टर ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि दोगड़ा अहीर की भी ऐसी ही मांग है। अब वे दोनों गांवों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट मंगवाएंगे। जिस गांव की रिपोर्ट सही होगी उसे ही उप तहसील बनाया जाएगा।
हरियाणा में अगले कुछ महीनों में बीजेपी सरकार के 9 साल पूरे होने को हैं। हालांकि, 2019 में पार्टी बहुमत से पीछे रह गई थी और उसे जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना पड़ा था। राज्य में हाल के दिनों में सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं को सार्वजनिक कार्यक्रमों में आम लोगो के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी किसानों का विरोध झेल चुके हैं।
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