भोपाल। खाद्य पदार्थों में मिलावट चरम पर है। सरकार व प्रशासन की तमाम सक्रियता के बाद भी यहां 17 प्रतिशत नमूने मिलावटी मिल रहे हैं। बीते एक साल में इसके लिये जिम्मेदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने 8.67 करोड़ का अर्थदंड भी अधिरोपित किया है। बावजूद इसके राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मात्र 2 आरोपियों के खिलाफ ही कार्रवाई हो पाई है। दरअसल प्रदेश में 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच मिलावट मुक्ति अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई थी। इस दौरान लिये गये 14771 नमूनों में 12836 को राज्य की निजी खाद्य प्रयोगशालाओं में जांच के लिये भेजा गया। जिसमें 2192 नमूने फेल मिले। यह कुल नमूनों का 17.07 प्रतिशत है। कमोबेश यही स्थिति मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान के निर्देश पर मिलावट मुक्ति अभियान में भी सामने आई है। करीब 2 साल में परीक्षण के लिये जुटाए गये 42 हजार 999 नमूनों में 7503 अमानक मिले हैं। यह बाजार में बेंची जा रही खाद्य सामग्री का 17.44 प्रतिशत है। अभियान के यह आंकड़े 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2023 के बीच के हैं।
दुग्ध शुद्धीकरण का 62.86 लाख दूध जब्त
दुग्ध शुद्धीकरण के लिये सरकार ने 62.86 लाख रूपये के दुग्ध उत्पाद जब्त किये हैं। साथ ही 2 प्रकरणों में लाइसेंस निरस्तगी की कार्रवाई की गई। इसके अलावा 8 के खिलाफ न्यायालयों में वाद दाखिल किया गया। 11 हजार 141 दुग्ध उत्पाद नमूनों में 4099 दूध, 1317 मावा, 1283 पनीर, 948 घी और 3494 अन्य उत्पाद शामिल है।
चलित प्रयोगशालाओं में जबलपुर में सबसे ज्यादा नमूने
सरकार द्वारा संचालित चलित प्रयोगशालाओं में सबसे ज्यादा नमूने जबलपुर संभाग से लिये गये हैं। साल भर में यह संख्या 13 हजार 510 रही है। इसके अलावा भोपाल 11 हजार 921 और सागर में 11 हजार 197 रही है। जबकि रीवा में 10 हजार 12, उज्जैन में 10 हजार 773 और खंडवा में 10 हजार 206 नमूने लिये गये है।
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दरकार
प्रदेश में अमानक सामग्री बेंच रहे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई, लेकिन सख्ती का अभाव दिखा है। अधिरोपित अर्थदंड और वसूली के बीच अंतर को देखते हुए यही माना जा रहा है। क्योंकि 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2023 के बीच 18.80 करोड़ अधिरोपण के मुकाबले मात्र 6.3 करोड़ रूपये ही वसूले जा सके हैं। वहीं दूसरी ओर 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच अधिरोपित 8.67 करोड़ के जुर्माने पर 2.93 करोड़ ही सरकार के खाते में आ पाए हैं। इसके अलावा 163 के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया, लेकिन मात्र 2 के खिलाफ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा सकी है।
सरकार के निर्देशानुसार खाद्य प्रशासन लगातार मिलावट के खिलाफ अभियान चलाए हुए है। नागरिक हितों को संरक्षित करने खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश भर में यह अनवरत चलती रहेगी।
डीके वर्मा, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मुख्यालय भोपाल, मध्यप्रदेश
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