नई दिल्ली । दिल्ली की अदालत (Delhi Court ) ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता (Congress Leader) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को नया पासपोर्ट जारी करने के लिए (To Issue New Passport) एनओसी की इजाजत दे दी (Allowed NOC) । हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने निर्देश दिया कि पासपोर्ट के लिए एनओसी केवल तीन साल के लिए वैध होगी, जबकि गांधी ने 10 साल के लिए एनओसी मांगी थी। सांसद के रूप में योग्यता समाप्त होने के बाद राहुल गांधी ने अपना डिप्लोमैटिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था। राहुल गांधी ने मंगलवार को एक नया साधारण पासपोर्ट के लिए एनओसी की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस नेता को विदेश जाने की अनुमति दी जाती है, तो इससे नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। स्वामी ने राहुल, उनकी मां सोनिया गांधी और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दायर किया था। स्वामी ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि उन्हें ब्रिटेन में एक अधिकारी ने राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने के बारे में बताया था, इसलिए भारतीय कानून के तहत उनकी भारतीय नागरिकता रद्द होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं हाल ही में ब्रिटेन में था और वहां एक अधिकारी ने मुझे बताया कि गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया है। भारतीय कानून के तहत, उनकी भारतीय नागरिकता सीधे रद्द कर दी जानी चाहिए।
स्वामी ने राहुल गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि पासपोर्ट रखना मौलिक अधिकार नहीं है और 10 साल के लिए पासपोर्ट देने का कोई वैध कारण नहीं है। उन्होंने कहा, उन्होंने 10 साल के लिए वैध पासपोर्ट मांगा है, जो अधिकतम है। लेकिन यह एक विशेष मामला है। पासपोर्ट के लिए मौलिक अधिकार जैसी कोई चीज नहीं है। उनके पास 10 साल के लिए पासपोर्ट के लिए कोई वैध कारण नहीं है।
गांधी का समर्थन करते हुए एडवोकेट तरन्नुम चीमा ने कहा कि गंभीर अपराधों के आरोपियों को भी पासपोर्ट जारी किया गया है। चीमा ने कहा, दस साल के लिए रूटीन है। जहां तक नागरिकता का सवाल है, जो दस्तावेज हैं, वो आपराधिक कार्यवाही के लिए नहीं हैं। हमने 2019 के बाद से मंत्रालय से कुछ भी नहीं सुना है। जो लोग गंभीर अपराधी हैं, उनको भी दस साल के लिए पासपोर्ट दिया गया है। इसमें 2जी और अन्य मामलों के अपराधी शामिल हैं। इस पर स्वामी ने कहा कि अगर पहले कुछ गलत हुआ है तो इसे अब सही नहीं ठहराया जा सकता। इससे पहले गांधी के वकील ने अदालत से कहा था कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है और इसलिए उन्हें एनओसी दी जा सकती है।
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