अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने देखा प्रेजेंटेशन, अंतिम फैसला सरकार लेगी
इंदौर। शहर के चारों तरफ प्रस्तावित नई रिंग रोड के निर्माण के लिए तीन विकल्प तैयार किए गए हैं, जो अलग-अलग लंबाई के हैं। तीनों विकल्पों में रोड की लंबाई अलग-अलग है। इन विकल्पों को अब राज्य सरकार को भेजा जाएगा, जहां से तीनों में से किसी एक विकल्प को चुनकर केंद्रीय सडक़ परिवहन (central road transport) और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जाएगा।
नई रिंग रोड को लेकर मंगलवार रात शहर के अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने रेसीडेंसी कोठी में बैठक की। इसमें नई रिंग रोड को लेकर तीनों विकल्प तैयार करने वाली नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highways Authority of India) (एनएचएआई) के अफसरों ने सभी को प्रस्तावों की जानकारी दी। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांजल (NHAI project director Sumesh Banjal) ने बताया कि पहले विकल्प में नई रिंग रोड की लंबाई 139, दूसरे में 145 और तीसरे में 161 किलोमीटर है। इस रोड की लागत लगभग 6000 करोड़ रुपए आंकी गई है, जो लंबाई बढऩे या घटने पर कम-ज्यादा हो सकेगी। बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने तीनों विकल्पों को पसंद किया। बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, संभागायुक्त डॉ. पवनकुमार शर्मा, कलेक्टर इलैया राजा टी, आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, विधायक रमेश मेंदोला, मनोज पटेल, गौरव रणदिवे और पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता आदि मौजूद थे।
बैठक के बाद कलेक्टर ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के समक्ष प्रेजेंटेशन के जरिए नई रिंग रोड का प्रोजेक्ट समझा है। इस बात पर सहमति बनी है कि इसे औपचारिक मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा जाए। एनएचएआई अफसरों को इस बारे में दिशानिर्देश दिए गए हैं। इधर, एनएचएआई अफसरों का कहना है कि राज्य सरकार इंदौर की नई रिंग रोड के लिए पहले ही 25 प्रतिशत जमीन मुफ्त देने को तैयार हो गई है। राज्य सरकार नई रिंग रोड का जो विकल्प चुनेगी, उसके साथ मुफ्त जमीन देने संबंधी प्रस्ताव जरूरी स्वीकृतियों के बाद केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा।
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