भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना बाघ अभयारण्य (Panna Tiger Reserve) में एक बाघ मृत (Tiger Death) पाया गया है. संदेह है कि बाघों की आपसी लड़ाई (tiger fight) में उसकी मौत हुई है. बाघ की उम्र 3-4 महीने बताई जा रही है. वन अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. इस क्षेत्र में किसी बाहरी घुसपैठ (external intrusion) के कोई निशान नहीं मिले हैं और न ही कोई संदिग्ध गतिविधि पाई गई है. बता दें कि पन्ना रिजर्व में जनवरी महीने में करेंट लगने से दो बाघों की मौत हो गई थी।
एक अधिकारी ने कहा कि वन विभाग के गश्ती दल को 3-4 महीने की उम्र के बाघ टी-7 का शव अभयारण्य के अकोला बफर क्षेत्र में मिला. माना जा रहा है कि बाघ टी-7 ने एक अन्य बाघ के साथ क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई में अपनी जान गंवा दी है। अधिकारी ने बताया, ‘क्षेत्र में कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं पाई गई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार जानवर के शव का परीक्षण किया गया और उसका विसरा जांच के लिए भेजा जा रहा है।’
2022 में हुई थी 34 बाघों की मौत
टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में हुई इस घटना से वन विभाग चिंतित है. बता दें कि मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई बाघ अभयारण्य हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश ने साल 2022 में 34 टाइगर को खो दिया था. एनटीसीए के मुताबिक, पिछले वर्ष भारत में कुल 117 बाघों की मौत हुई थी. इनमें सबसे अधिक मौत मध्य प्रदेश में हुई थी।
हर चार साल में होती है बाघों की गिनती
बाघों की गणना हर चार साल में होती है. मध्य प्रदेश में बाघों के आंकड़े पर गौर करें तो 2018 में यह 526 बाघ थे. 2021 में 42 बाघों की मौत हो गई थी. इसके बाद बाघों की मौत की संख्या में गिरावट तो आई. वहीं, अगर 10 साल के आंकड़ों को देखें तो यहां 270 बाघों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें सबसे अधिक मौत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई है।
2022 में मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था और इस साल भी इस दर्जे को कायम रखने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से कोशिश की जा रही है लेकिन बाघ की मौत ने एकबार फिर चिंता बढ़ा दी है. बता दें कि बाघों की औसत उम्र 12 से 18 साल होती है।
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