इन्दौर (Indore)। शहर में पहले चोरी करने वाले चोर या तो पैदल आते अथवा बाइक का उपयोग करते थे, लेकिन अब हाईटेक (high tech) हो गए हैं। वे कारों से शहर में चोरी करने आते हैं और पुलिस से बचने के लिए वॉकी-टॉकी का उपयोग करते हैं। ऐसे पांच गिरोह पिछले एक साल में पुलिस के हाथ लगे हैं। इनमें ज्यादातर बाहरी हैं।
पहला मामला पलासिया थाना क्षेत्र का है। यहां मनोरमागंज में व्यापारी के घर हुई 40 लाख की चोरी में पुलिस के हाथ धार-टांडा का गिरोह लगा था। ये लोग कार से चोरी करने आए थे। फुटेज के आधार पर पुलिस ने उनको पकड़ा, लेकिन गिरोह का सरगना पानसिंह अब तक पुलिस के हाथ नहीं आया है।
दूसरा मामला तुकोगंज थाना क्षेत्र का है, जहां एक उद्योगपति के घर में लाखों की चोरी हुई थी। इसमें पुलिस ने नौकरानी के रिश्तेदारों को पकड़ा था। ये लोग भी कार से आए थे। तीसरा मामला विजयनगर क्षेत्र का है। यहां एक व्यापारी के फ्लैट में 40 लाख की चोरी हुई थी। इसमें कार नंबर से दिल्ली का गिरोह साउथ में पकड़ाया था। उसे बाद में इंदौर पुलिस ने रिमांड पर लिया था। यह गिरोह आपस में बातचीत के लिए वॉकी-टॉकी का उपयोग करता था।
चौथा मामला- लसूडिय़ा थाना क्षेत्र का है। यहां हुई दो बड़ी चोरी में पुलिस ने तीन चोरों को गिरफ्तार किया था और छह लाख का माल बरामद किया था। तीनों के पिता सरकारी नौकरी में भोपाल में पदस्थ हैं, लेकिन ये मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। ये स्कॉर्पियो से चोरी करने सयुक्त संचालक राजीव निगम के घर आए थे। ये वॉकी-टॉकी का उपयोग करते थे। ये हैदराबाद, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी 70 से अधिक चोरियां कर चुके हैं।
पांचवां मामला कल क्राइम ब्रांच ने पकड़ा। बजरंग नगर और खरगोन के तीन चोरों को पकड़ा, जो इनोवा से चोरी करने आए थे। ये टाउनशिप में वारदातों को अंजाम देते थे।
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