अब इंदौर एमएमएलपी प्रा.लि. करेगी निर्माण, नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट के साथ एमपीआईडीसी और रेलवे की साझेदारी
इंदौर। 255.17 एकड़ में बनने वाले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (Multi Modal Logistics Park) का निर्माण अब तीन सरकारी कम्पनियां (Government Companies) मिलकर करेंगी। इसके लिए इंदौर एमएमएलपी प्रा.लि. (MMLP Pvt. Ltd.) के नाम से जॉइंट वेंचर कम्पनी (Joint Venture Company) का गठन किया गया है, जिसमें नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट नई दिल्ली (National Highway Logistics Management New Delhi) के साथ मप्र इंडस्ट्रीयल डवलपमेंट कार्पोरेशन लि. (MP Industrial Development Corporation Ltd.) और रेल विकास निगम लि. ( Rail Vikas Nigam Ltd.) की हिस्सेदारी रहेगी। इसमें सबसे बड़ी शेयर होल्डिंग नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक की 50.84 प्रतिशत, तो एमपीआईडीसी की 27 और आरवीएनएल की 22.16 प्रतिशत रहेगी।
इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर (Indore-Pithampur Corridor) को भी इस लॉजिस्टिक पार्क से गति मिलेगी और टीही में बने रेल कंटेनर डिपो से अधिक माल भी भेजा जा सकेगा। भारत माला परियोजना के तहत देशभर में ऐसे 25 लॉजिस्टिक पार्क बनाए जा रहे हैं, जिनमें से एक पीथमपुर में तैयार होगा, जिसके लिए 255 एकड़ जमीन चिन्हित भी कर ली गई है। डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर यानी डीबीएफओटी मॉडल के तहत इसे तैयार किया जाएगा। दो साल पहले एमपीआईडीसी और एनएचएलएमएस के बीच इस पार्क को लेकर एग्रीमेंट हुआ था, जिसके चलते जमीन अधिग्रहण की जिम्मेदारी एमपीआईडीसी को सौंपी गई। इस लॉजिस्टिक पार्क में जहां विशाल कंटेनर डिपो बनेगा, वहीं कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, आयरन-स्टील यार्ड, ग्रेन स्टोरेज के साथ ही एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट के अत्याधुनिक ऑफिस तैयार किए जाएंगे। अब तीन सरकारी कम्पनियों की साझेदारी में जो जॉइंट वेंचर यानी जेवी तैयार की गई है उसके जरिए लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण और उसके बाद संचालन किया जाएगा। इससे कंटेनरों की आवाजाही में भी कई गुना वृद्धि हो सकेगी।
10 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक भी टीही स्टेशन तक बनेगा
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क इंदौर से बेटमा के बीच आ रहा है, जो पीथमपुर के सेक्टर-7 के साथ इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे से भी जुड़ा रहेगा। टीही स्टेशन से 10 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक भी इस पार्क तक बनेगा, जिससे सडक़ मार्ग के अलावा रेल कनेक्टीविटी भी रहेगी। वहीं इस पार्क के आसपास मोहना पार्क, बिजेपुर पार्क सहित कन्फेक्शनरी क्लस्टर, जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क सहित अन्य गतिविधियां भी आ रही है। इस पार्क की आधारशिला भी रखी जा चुकी है।
40 किलोमीटर घट जाएगी पीथमपुर से मुंबई पोर्ट की दूरी
इस मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी रोड मार्ग के जरिए ही ज्यादा लॉजिस्टिक व्यापार होता है, जबकि रेल मार्ग से 20 फीसदी माल भेजा जाता है, लेकिन इस पार्क के बन जाने के बाद अगले 10 साल में रेल कंटेनरों के जरिए 70 फीसदी माल का परिवहन होगा। वहीं 40 किलोमीटर पीथमपुर से मुंबई पोर्ट की दूरी भी घट जाएगी। पिछले दिनों केन्द्र ने अपना अंशदान भी जमीन अधिग्रहण के लिए राज्य शासन को भेज दिया था।
800 करोड़ आएगी लागत – माल ढुलाई पड़ेगी सस्ती
इस लॉजिस्टिक पार्क को विकसित करने में लगभग 800 करोड़ खर्च होंगे। इंदौर चूंकि देश के बीच में स्थित है, जिसके चलते यह लॉजिस्टिक पार्क चारों दिशाओं में माल भेजने के लिए लाभदायक साबित होगा। वहीं माल ढुलाई की लागत भी घट जाएगी। एक अनुमान है कि परिवहन लागत में 20 फीसदी की कमी आएगी। इंदौर और आसपास के क्षेत्रों से थोक भंडारण खाद्यान्नों और तरल कार्गो की पूर्ति के लिए साइलो बनाने का भी प्रावधान रखा गया है। पहले चरण में ही पीथमपुर से कंटेनर ट्रेन सेवा इस पार्क के जरिए शुरू कर दी जाएगी। इसमें जामोदी, खेड़ा, अकोलिया, सागोर गांव की ही अधिक जमीन शामिल की गई है।
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