इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) पुलिस ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf- PTI) के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) के खिलाफ लाहौर हाई कोर्ट (Lahore High Court) में दायर मामलों की जानकारी साझा की है। इनके दिए गए जानकारी के अनुसार PTI के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी के ऊपर कुल 11 केस (11 case file) दर्ज है, जिसमें से एक केस टॉयलेट से नल चुराने से जुड़ा है।
लाहौर हाई कोर्ट में फवाद चौधरी के खिलाफ दर्ज 11 मामलों में सुनवाई होने वाली है. इन्हीं 11 मामलों में एक नल के चोरी से जुड़ा है. फवाद चौधरी ने अपने ऊपर लगे मामलों की जानकारी हासिल करने के लिए लाहौर हाई कोर्ट (LHC) में याचिका दायर की थी. इसी संबंध में पुलिस ने दायर मामलों की डिटेल पेश की।
प्राइमरी स्कूल से बिजली के तारों की चोरी
PTI नेता के खिलाफ मुल्तान छावनी थाने में 889/23 नंबर का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की शिकायत मुजफ्फर हनीफ ने दर्ज कराई थी. ये मामला एक स्कूल से पाइप व नल चोरी होने का है. इसके अलावा खैरपुर भट्टा सरकारी प्राइमरी स्कूल से बिजली के तारों की चोरी में शामिल होने का भी आरोप हैं।
मुल्तान छावनी पुलिस ने तीन मामले, जलीलाबाद, मुल्तान और पुरानी कोतवाली थाने में एक-एक मामला दर्ज था. रिपोर्टों के अनुसार, अटक न्यू एयरपोर्ट पुलिस के ओर से दायर एक मामले में फवाद चौधरी निर्दोष साबित हुए हैं, जबकि मुल्तान और फैसलाबाद में दर्ज दो अन्य मामलों को खारिज कर दिया गया था।
वो लाहौर के सरवर रोड और रेस कोर्स पुलिस स्टेशनों में दो मामलों, मुल्तान छावनी में तीन मामलों और जलालपुर पीरवाला, मुल्तान में एक मामले में शामिल हैं. फवाद चौधरी अटक, झेलम और फैसलाबाद के पुलिस थानों में भी आरोपों का सामना कर रहे हैं।
वकील ने फर्जी मुकदमों पर चिंता व्यक्त
फवाद चौधरी के वकील ने उनके खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित, फर्जी मुकदमों को दायर करने के बारे में चिंता व्यक्त की, यह तर्क देते हुए कि अदालत को हर एक मामले की बारीकियों को समझाना चाहिए और पूर्व संघीय मंत्री को परेशान करना बंद करना चाहिए।
लाहौर हाईकोर्ट ने सुनवाई 22 मई तक के लिए टाल दी थी. हालांकि, कुछ रिपोर्टों ने सुझाव दिया कि पंजाब पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि फवाद चौधरी को चोरी और पाइप तोड़ने के मामले में फंसाया गया था।
पुलिस के मुताबिक वह ऐसे किसी अपराध से जुड़ा नहीं है. मुल्तान पुलिस, जिसने दावा किया कि घटना के संबंध में किसी का नाम नहीं लिया गया था और फवाद चौधरी की संलिप्तता को साफ तौर से खारिज कर दिया।
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