इन्दौर (Indore)। थानों में होने वाली वसूली और मारपीट पर अंकुश लगाने के लिए चार माह पहले पुलिस मुख्यालय (police headquarters) के आदेश पर शहर और देहात के सभी थानों को कैमरों की जद में लाने का काम चल रहा था, जो पूरा हो गया है। शहर और देहात के 51 थानों और 6 चौकियों में कैमरे लग चुके हैं। हर थाने में 13 कैमरे लगाए गए हैं। कुल मिलाकर 700 कैमरे लगाए गए हंै।
शहर के 34 और देहात के 13 थानों में कैमरे लगाने का काम पूरा हो गया है। इसके अलावा महिला थाना, नारकोटिक्स थाना, एजेके थाना, यातायात थाना और रेलवे थाने में भी कैमरे लगाए गए हैं। चार माह से यह काम चल रहा था, जो पूरा हो गया है। हर थाने में 13 कैमरे इस तरह लगाए गए हैं कि थाने का कोई क्षेत्र कैमरे की जद से बच न सके। थानों में मालखाना, इंट्री, एक्जिट, परिसर, लॉबी, हवालात, विवेचना कक्ष, टीआई कक्ष में ये कैमरे लगाए गए हैं। इनकी 18 माह की रिकॉर्डिंग थाने को रखना होगी, ताकि कोई घटना होने पर रिकॉर्डिंग से सत्यता की जांच की जा सके। इसके अलावा 6 चौकियों को भी कैमरों से लैस किया गया है।
लसूडिय़ा की घटना में काम आए कैमरे
कुछ दिन पहले लसूडिय़ा थाने में एक प्रेमी युवक का मामला आया था। इसमें पुलिस ने युवती की शिकायत के बाद युवक को थाने बुलाया था। बाद में उसकी रेल से कटकर मौत हो गई थी। इसको लेकर परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था, लेकिन यहां लगे कैमरे में युवक थाने से सकुशल जाते हुए कैद हुआ था। कैमरों का यह फायदा होगा कि घटना हुई है तो भी कैद होगी और नहीं हुई है तो पुलिस के बचाव में रिकॉर्डिंग काम आएगी।
कमिश्नर करा रहे व्यवस्था की जांच
कुछ दिन पहले पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने थाने में लोगों के साथ अच्छा व्यवहार हो, इसके लिए थाने में एक शिकायत पुस्तिका रखवाई है। यह व्यवस्था ठीक से चल रही है या नहीं यह जांचने के लिए वे किसी पुलिसकर्मी को थाने भेजते हैं और रिकॉर्डिंग के आधार पर जांच कर रिपोर्ट मांगते हैं।
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