इंदौर। महू कोतवाली थाने (Mhow Kotwali Police Station) में पुलिस बेबस (police helpless) बैठी रही और थाने के अंदर ही बीजेपी के नेता, कार्यकर्ता (leader, activist) अपनी मांगों को लेकर धरना- प्रदर्शन (Demonstration) करते रहे, जबकि थाने के अंदर किसी भी तरह का प्रदर्शन गैरकानूनी (illegal) होता है। इस दौरान घंटों तक पुलिस चुपचाप बैठी रही, बाहर आमजन लाचार रहे और किसी को अंदर नहीं आने दिया गया। करीब 27 नेता, कार्यकर्ताओं ने पूरे थाने को बंधक की तरह बना लिया। मजे की बात यह है कि वहां लस्सी और नाश्ता भी बुला लिया गया और सभी ने वहीं गप्पे मारते हुए लस्सी पी और अपनी मांगों को लेकर पुलिस को धमकाया। जिसे जहां जगह मिली उस कुर्सी, बैंच पर बैठ गया।
विरोध में गए थे थाने
एमपीईबी ने बीजेपी के पदाधिकारी राजेश वर्मा के घर पर जांच की थी जिसमें स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ का मामला था, वर्मा ने उन्हें जांच नहीं करने दी और इसके बाद एमपीईबी के पदाधिकारियों ने उनके खिलाफ दुर्व्यवहार, शासकीय काम में बाधा का आवेदन दे दिया। इस पर पुलिस ने उन पर केस दर्ज कर लिया। इसकी जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को दिन में ही सभी नेता एकत्र होकर थाने पहुंच गए और एमपीईबी के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। इसी मांग को लेकर वह वहीं घंटों थाने के अंदर बैठ गए। जिसे जो कुर्सी, बैंच मिली वहीं बैठ गए।
सवालों का जवाब नहीं दे सके टीआई भदौरिया
थाने के अंदर किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के इस तरह से धरने पर बैठकर प्रदर्शन करने और लस्सी पीने के बारे में टीआई एमएस भदौरिया से जब सवाल पूछा तो उन्होंने फोन ही काट दिया।
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