इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री (Former Prime Minister) और पीटीआई चीफ इमरान खान (PTI Chief Imran Khan ) और पाक आर्मी (Pak Army) के बीच अदावत और बढ़ गई है। अब पाक सेना ने उनके और उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला बोलने के आरोप में आर्मी एक्ट (army act) लगाने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को फैसला किया है कि नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने और आगजनी करने वालों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना अधिनियम (Pakistan Army Act) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) सहित देश के संबंधित कानूनों के तहत ट्रायल चलाया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (सीसीसी) ने 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक/निजी संपत्तियों के खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित हमले और उकसाने वाली घटनाओं की कड़ी निंदा की है।
सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर (Syed Asim Muneer) की अध्यक्षता में जीएचक्यू में हुई बैठक में यह खुलासा किया गया कि 9 मई को हुआ हमला सुनियोजित साजिश का हिस्सा था और इस आगजनी के पीछे का मकसद, शुहदा, स्मारकों की तस्वीरों का अपमान करना,और उसे जलाना शामिल था। बैठक में कहा गया कि ऐतिहासिक इमारतों को गिराने और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़, संस्था को बदनाम करने और उसे उकसाने के लिए किया गया था।
अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में पीटीआई प्रमुख इमरान खान को NAB द्वारा गिरफ्तार करने के घंटों बाद पिछले हफ्ते एक अभूतपूर्व तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना में पीटीआई समर्थकों ने कथित तौर पर ऐतिहासिक कोर कमांडर हाउस को नुकसान पहुंचाया था, जिसे मूल रूप से जिन्ना हाउस के रूप में जाना जाता है और जो कभी राष्ट्र के संस्थापक पिता कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना का निवास होता था।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में लिखा है कि सेना ने फैसलाबाद में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के कार्यालय में कथित तौर पर धावा बोलने की घटना पर कुछ संदिग्धों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना अधिनियम के तहत एक मामला तैयार करना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत जिनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है उनमें लाहौर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के दामाद अली अफजल साही, उनके भाई जुनैद अफजल साही, फैजुल्लाह कामोका, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के अध्यक्ष साहिबजादा हामिद रजा, फैसलाबाद जिला बार के पूर्व अध्यक्ष बिलाल शामिल हैं। इनके अलावा अशरफ बुसरा, डॉ असद मुअज्जम, हसन जाका खान नियाजी, हाजी अयाज तरीन खान और अन्य के भी नाम इसमें शामिल हैं।
बता दें कि पाक आर्मी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत सजा के गंभीर प्रावधान हैं। इसके तहत इमरान खान, उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए जा सकते हैं, जिसमें मौत की सजा और उम्रकैद तक हो सकती है।
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