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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की टिप्‍पणी, कहा- ‘सरकार का मुखपत्र नहीं अदालत’, यह है मामला

May 16, 2023

लखनऊ (Lucknow) । इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने मलिहाबाद के कथित गैंगस्टर वसीम खान (gangster wasim khan) की कुर्क की गई संपत्तियों को मुक्त करने का आदेश देते हुए टिप्पणी की है कि कोर्ट से यह आशा नहीं की जा सकती कि वह सरकार के डाकखाने या मुखपत्र की तरह काम करे। न्यायालय ने पाया कि कथित गैंगस्टर की जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, वे याची द्वारा मुंबई के अपने व्यवसाय की आय से खरीदी गई हैं। यह फैसला न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने वसीम खान की याचिका पर सुनाया।


याचिका जिलाधिकारी, लखनऊ के 13 अप्रैल 2022 व अपर सत्र न्यायाधीश, गैंगस्टर एक्ट के 5 जनवरी 2023 के आदेशों के विरुद्ध दायर की गई थी। याची की ओर से कहा गया कि उसके और पांच अन्य लोगों के खिलाफ 15 अगस्त 2012 को हत्या के एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी।

इसके बाद उसके खिलाफ चार अन्य आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए और वर्ष 2021 में उसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया। याचिका में कहा गया कि याची की एक स्कॉर्पियो गाड़ी और पल्सर मोटरसाइकिल के अलावा छह अचल सम्पत्तियां इस आधार पर जब्त कर ली गईं कि वे वर्ष 2012 से 2021 के दौरान असामाजिक गतिविधियों से अर्जित की गई हैं।

दलील दी गई कि याची के प्रत्यावेदन को जिलाधिकारी लखनऊ ने सरसरी तौर पर खारिज कर दिया। अपर सत्र न्यायाधीश ने भी बिना जांच किए याची की अपील को निरस्त कर दिया। कहा गया कि याची मुंबई में व्यवसाय करता था और लखनऊ में भी उसने भवन सामग्रियों की दुकान खोली थी।

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