नागदा। न्यायालय से मिले स्थगन आदेश के बाद भी डॉ. लाहिरी का तीन मंजिला आलीशान बंगला प्रशासन ने सील कर दिया। स्थगन आदेश डॉ. लाहिरी के अनुसार गुरुवार को ही मिल गया था परंतु उसकी प्रतिलिपि शुक्रवार को कार्यवाही होने तक नहीं मिल सकी। प्रतिलिपि नहीं होने के कारण ही अधिकारी स्थगन आदेश का पालन नहीं किया। सुबह 11 से शाम 4 बजे तक चली कार्रवाई के चलते प्रशासन ने मकान में रखी एक-एक वस्तु की नोटिंग की, पंचनामा बनाया गया। कागजी खाना पूर्ति पूरी करते हुए शाम करीब 4 बजे मकान के मुख्य द्वार को सील कर दिया। अपना मकान खोता देख डॉ. विद्या व इनकी बेटी डॉ. विन्नी अपने दिवंगत पिता डॉ. विनोद लाहिरी की तस्वीर हाथों में थामे फूट-फूटकर रोई।
ऐसे हुई कार्रवाई
पहले मकान पर कब्जा लेने टीम 4 मई को पहुंची थी। तब डॉ. विद्या लाहिरी ने मकान का सामान शिफ्ट करने के लिए समय मांगा था। मानवीय आधार पर टीम ने समय देते हुए 8 मई को कार्रवाई करना निर्धारित किया। निर्धारित तारीख पर टीम कब्जा लेने पहुंची तो बताया गया कि डॉ. विद्या की सास का ग्वालियर में निधन हो गया है, इसके लिए उन्हें और थोड़ी मोहलत चाहिए। तब डॉ. विद्या की तरफ से शपथ पत्र भी दिया गया था कि यदि वे दी गई तारीख में सामान शिफ्ट नहीं कर पाती हैं तो सामान सहित मकान सील किया जाए। इसके बाद भी उन्होंने सामान शिफ्ट नहीं किया। ऐसे शुक्रवार को टीम के साथ पहुंची तहसीलदार सचदेव ने सामान सहित पूरा मकान सील किया। इस दौरान भी डॉ. लाहिरी ने शपथ पत्र व स्टे ऑर्डर आने का हवाला दिया, लेकिन तहसीलदार ने बिना सुने कार्रवाई को अंजाम दिया। मकान सील की कार्रवाई के चलते डॉ. विन्नी वीडियो बना रही थी। जिस पर तहसीलदार ने कार्रवाई चलने तक उनका मोबाइल जब्त कर लिया।
4 करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी राजसात
8 साल पुराने प्रकरण में 31 दिसंबर 2022 को विशेष न्यायालय इंदौर ने डॉ. लाहिरी की 4 करोड़ 11 लाख 13 हजार 554 रुपए की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए थे। प्रकरण में सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश व प्राधिकृत अधिकारी क्रमांक-1 गंगाचरण दुबे ने चल-अचल संपत्ति का आधिपत्य कलेक्टर उज्जैन को सौंपने के आदेश दिए थे। कलेक्टर ने रीसिवर के लिए तहसीलदार रेखा सचदेव को नियुक्त किया। ज्ञात रहे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर लोकायुक्त ने डॉ. लाहिरी दंपत्ति पर जांच शुरू की थी। जांच पूरी होने के बाद डॉ. लाहिरी दंपत्ति पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया गया था। 10 फरवरी 2012 को लोकायुक्त ने दबिश देकर डॉ. लाहिरी के क्लीनिक से जरुरी दस्तावेज बरामद किए थे। प्रकरण में लोकायुक्त ने डॉ. विनोद लाहिरी, पत्नी डॉ. विद्या, बेटी डॉ. विन्नी, बेटा डॉ. अभिषेक को पार्टी बनाया था। डॉ. विनोद लाहिरी, डॉ. विद्या लाहिरी व उनके पारिवारिक सदस्यों के 4 करोड़ 11 लाख 14 हजार 372 रुपए राजसात योग्य माना। ट्रायल चलने के दौरान डॉ. विनोद लाहिरी की मौत हो चुकी थी। ऐसे में 31 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पत्नी डॉ. विद्या, बेटी डॉ. विन्नी व बेटे डॉ. अभिषेक को कब्जा देने के आदेश दिए थे। इसी के तहत यह कार्रवाई हुई हैं।
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